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पीड़ित बेटी के हौसले पर बलिहारी माता-पिता

शाहजहांपुर, जासं। कथावाचक आसाराम के खिलाफ अदालत में नौ महीने से लड़ाई लड़ रहे पीड़िता के माता-पिता कई बार विचलित हुए। आसाराम के षडयंत्र, गुर्गो की धमकी, रिश्तेदारों के दबाव और आर्थिक संकट ने कई बार उन्हें टूटने के कगार पर ला दिया। लेकिन बेटी के साहस और सच की ताकत ने न्याय की जंग को और मजबूत बना ि

By Edited By: Published: Mon, 12 May 2014 07:09 PM (IST)Updated: Mon, 12 May 2014 07:09 PM (IST)
पीड़ित बेटी के हौसले पर बलिहारी माता-पिता

शाहजहांपुर, जासं। कथावाचक आसाराम के खिलाफ अदालत में नौ महीने से लड़ाई लड़ रहे पीड़िता के माता-पिता कई बार विचलित हुए। आसाराम के षडयंत्र, गुर्गो की धमकी, रिश्तेदारों के दबाव और आर्थिक संकट ने कई बार उन्हें टूटने के कगार पर ला दिया। लेकिन बेटी के साहस और सच की ताकत ने न्याय की जंग को और मजबूत बना दिया। पिछले दिनों मुख्य बयान में जब पीड़िता ने आसाराम के गुनाहों का चिट्ठा खोला तो कथावाचक के वकील माथा पीटने को मजबूर हो गए। पीड़ित माता-पिता बेटी के हौसले पर बलिहारी हो गए। घबराकर आसाराम ने क्रॉस बयान में अडं़गा डालना शुरू कर दिया है।

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'जागरण' से बातचीत में पीड़िता की मां जोधपुर की दास्तां सुनाकर भावुक हो गई। डबडबाई आंखों से उन्होंने अपनी बेटी की हिम्मत और हौसले को जमकर सराहा। बोलीं आसाराम के साम्राज्य से लड़कर बेटी को न्याय दिलाने की राह बेहद कठिन है। बेटी का पूरा साल बर्बाद हो गया। बेटों की पढ़ाई भी प्रभावित है। जोधपुर में तो एक-एक दिन सालों की तरह लग रहा था। अदालत ने बयान दर्ज करवाने के दौरान उन्हें बाहर रहने का आदेश दिया है। 13 मई को फिर से क्रॉस बयान दर्ज कराए जाएंगे।

पढ़ें : आसाराम प्रकरण में पीड़िता के क्रॉस बयान


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