तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी के विवाद में कूदे रामदास
तंबाकू उत्पादों पर सचित्र चेतावनी का आकार 85 फीसद बढ़ाने का प्रस्ताव टालने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना बढ़ती जा रही है। इस मामले में विपक्षी दलों के साथ ही भाजपा के सहयोगियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए तंबाकू उत्पादों के खिलाफ
चेन्नई। तंबाकू उत्पादों पर सचित्र चेतावनी का आकार 85 फीसद बढ़ाने का प्रस्ताव टालने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना बढ़ती जा रही है। इस मामले में विपक्षी दलों के साथ ही भाजपा के सहयोगियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए तंबाकू उत्पादों के खिलाफ जोरदार मुहिम चलाने वाले पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने इसके पीछे दिए जा रहे तर्को की कड़ी आलोचना की है। पीएमके केंद्र में राजग का एक घटक है।
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने फैसला टालने के समर्थन में दिए जा रहे तर्को को अज्ञानता और मूर्खता करार दिया। रामदास ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री को दखल देने का यह सही समय है। मैं उनसे तत्काल सचित्र चेतावनी का आकार बड़ा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को आदेश देने का अनुरोध करता हूं।
उल्लेखनीय है कि संसदीय समिति की सिफारिश पर तंबाकू उत्पादों पर सचित्र चेतावनी का आकार बड़ा करने का प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिलहाल टाल दिया है। इसी एक अप्रैल से इसे प्रभावी होना था।
इसके पीछे भाजपा सांसद और संसदीय समिति के अध्यक्ष दिलीप गांधी ने तर्क दिया कि देश में ऐसा कोई अध्ययन नहीं हुआ है, जिससे यह साबित हो सके कि तंबाकू के इस्तेमाल से कैंसर होता है। भाजपा के एक और सांसद ने कहा कि चीनी खाने से मधुमेह होता है। इस आधार पर तो चीनी पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। इन तर्को को मूर्खतापूर्ण बताते हुए रामदास ने कहा कि उनकी बातों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।