सीएम योगी की शेविंग कर सेलिब्रिटी बने रामानंद,कहा-बदल गई दुनिया
शुक्रवार, 24 मार्च की सुबह करीब 11 बजे जब वह मुख्यमंत्री की हजामत कर वापस लौटे तो उनके पहुंचने से पहले ही नरही की उनकी छोटी सी दुकान पर मीडिया के कैमरे और रिपोर्टर पहुंच चुके थे।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की शेविंग करने के लिए अचानक बुलाए गए नरही के नाई रामानंद के लिए वह वक्त जितना चौंकाने वाला था, उसके बाद के दिन उतने ही असमंजस भरे हैं। हाथ में तो कुछ नहीं आया पर योगी के साथ जुड़कर नाम इतना बड़ा हो गया कि वह शहर के सेलीब्रिटी बन गए। फूले नहीं समा रहे रामानंद प्रफुल्लित भाव से बताते हैं- अब तो महिलाएं भी आकर हाथ मिला रही हैं..! जो बाबू साहब सिर्फ पैसे चुका कर बिना बात किए लौट जाते थे, वे अब अपनी पत्नियों को दुकान पर लाकर मुझसे मिलवा रहे हैं।
शुक्रवार, 24 मार्च की सुबह करीब 11 बजे जब वह मुख्यमंत्री की हजामत कर वापस लौटे तो उनके पहुंचने से पहले ही नरही की उनकी छोटी सी दुकान पर मीडिया के कैमरे और रिपोर्टर पहुंच चुके थे। स्कूल और कोचिंग में पढ़ाने वाली बेटियों ने भी रामानंद के बताने से पहले ही सोशल मीडिया पर पूरा किस्सा जान लिया था। जंगल की आग की तरह नरही और पूरे शहर में भी कुछ देर में बात पहुंच गई। शुक्रवार से इतवार तक उनका सैलून जैसे दर्शनीय स्थल बन गया। लोग रामानंद को देखने और उनसे बात करने को आतुर थे।
महिलाओं और युवाओं को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का पैगाम
पूर्व लोकायुक्त एससी वर्मा ने मोबाइल पर फोन कर उन्हें बधाई दी। उत्साहित रामानंद ने भी तुरंत योगी की तस्वीर मंगा कर सैलून में लगा ली। फिल्मी कहानियों की तरह तेजी से हो रहे बदलाव को देख हतप्रभ रामानंद कहते हैं- एकदम सैलाब जैसा आ गया है.., हवा में उड़ रहा हूं।
मुख्यमंत्री की शेविंग के बाद तीन दिन तक तो रामानंद की दुकान पर भीड़ लगी रही लेकिन, सोमवार को दुकानदारी फिर कमोबेश पहले जैसी स्थिति पर लौट आई तो रामानंद भी जैसे सपनों की दुनिया से बाहर आ गए। अब वह समझ रहे हैं कि एक बार की हजामत कुछ देर की शोहरत से ज्यादा कुछ नहीं दे सकती है। विनम्र स्वभाव के 53 वर्षीय रामानंद कहते हैं- बाबा (मुख्यमंत्री) बुलाते रहेंगे तो जलवा बना रहेगा। बहुत कुरेदने पर कि मुख्यमंत्री कुछ मांगने को कहेंगे तो क्या मांगोगे, रामानंद बहुत संभलकर कहते हैं- हमारी इतनी सोच नहीं है.., बच्चों को रोजगार मिल जाए.., और कुछ नहीं चाहिए।
उस्तरे नहीं, शैडो से हुई घबराहट
मुख्यमंत्री की शेविंग के लिए जब रामानंद वीवीआइपी गेस्ट हाउस पहुंचे थे तो उनका सामान बाहर ही रखवा कर नया उस्तरा दिया गया था। यह पूछने पर कि नया उस्तरा हाथ में लेकर डर तो नहीं लगा कि शेविंग के दौरान मुख्यमंत्री के चेहरे पर कहीं कट न लग जाए, रामानंद कहते हैं- उस्तरे से नहीं लेकिन, बाबा के शैडो और भारी पुलिस देखकर जरूर घबराहट हो रही थी।
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मुलायम की कटिंग ने बदला भाग्य
रामानंद की तरह 1980 के दशक में हाफिज सलमानी मुलायम सिंह यादव की कटिंग करने जाते थे। एक दिन मुलायम सिंह ने सलमानी से कहा कि तुमको कुछ चाहिए तो मांग लो। इस पर सलमानी ने हजरतगंज की जनपथ मार्केट में दुकान की मांग रख दी। इसके बाद मुलायम ने मुख्यमंत्री बनते ही जनपथ के एक सरकारी कार्यालय को खाली करा के उस समय करीब पांच लाख रुपये कीमत की रही दुकान सलमानी को भेंट कर दी थी। इसके बाद तो सलमानी का भाग्य बदल गया। बड़े नेता और अफसर उसी सैलून में जाने लगे। रामानंद का परिवार भी अब ऐसे ही किसी चमत्कार का इंतजार कर रहा है।