राष्ट्रपति भवन में भाजपा के 'राम', रायसीना हिल्स पहुंचे कोविंद, 25 को शपथ
देश के सर्वोच्च पद की बागडोर फिर से एक दलित नेता के हाथ में होगी। राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च पद की बागडोर फिर से एक दलित नेता के हाथ में होगी। राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। उन्होंने दो तिहाई वोट हासिल कर विपक्षी प्रत्याशी मीरा कुमार को तीन लाख, 34 हजार, 730 मतों के भारी अंतर से हराया। कोविंद की जीत भाजपा के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि पहली बार पार्टी का कोई नेता राष्ट्रपति चुना गया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति बनने वाले उत्तर प्रदेश मूल के भी वे पहले नेता हैं। 25 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर उनको शपथ दिलाएंगे। कोविंद देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति चुने गए हैं। पहले दलित राष्ट्रपति केआर नारायणन ने 1997 में 95 फीसद वोटों के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद कोविंद ने कहा कि इस सर्वोच्च पद के लिए चुना जाऊंगा, यह कभी सोचा भी नहीं था। रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत तमाम नेताओं ने उनसे मिलकर बधाई दी। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी फोन कर उनको बधाई दी। मीरा कुमार ने कोविंद को बधाई देते हुए कहा कि इस चुनाव में वह जिन वैचारिक मुद्दों के साथ खड़ी थीं, उसकी लड़ाई वह जारी रखेंगी।
भारत का राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर श्री रामनाथ कोविंद को बहुत-बहुत बधाई। एक सफल और प्रेरणादायक कार्यकाल के लिए मेरी ओर से शुभकामनाएं -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।
संसद भवन में हुई मतगणना
राष्ट्रपति चुनाव के मुख्य निर्वाचन अधिकारी लोकसभा महासचिव अनूप मिश्र ने संसद भवन में वोटों की गिनती पूरी होने के बाद रामनाथ कोविंद की जीत का एलान किया। इसके बाद उन्होंने कोविंद के अस्थायी आवास 10 अकबर रोड जाकर उन्हें राष्ट्रपति निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र सौंपा। इसके साथ ही कोविंद को देश-विदेश से बधाई मिलने का सिलसिला शुरू हो गया।
पहले से तय थी जीत
राष्ट्रपति चुनाव में सियासी समीकरणों के हिसाब से कोविंद की जीत तो पहले से ही तय थी। दिलचस्पी केवल वोटों के अंतर को लेकर थी। आंध्र प्रदेश एक ऐसा राज्य रहा जहां सारे वोट कोविंद को मिले और मीरा कुमार को एक वोट भी हासिल नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा वोट कोविंद को हासिल हुए। राजग के अलावा टीआरएस, बीजद, अन्नाद्रमुक और जदयू ने भी कोविंद का समर्थन किया।
21 राज्यों में आगे रहे कोविंद
राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद 21 राज्यों में अपनी प्रतिद्वंद्वी मीरा कुमार से आगे रहे। सिर्फ आठ राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में मीरा कुमार को ज्यादा वोट मिले। कोविंद को उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा, तो केरल से सिर्फ एक वोट ही हासिल हुआ। यह वोट राज्य में भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल का था। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मीरा को 55 और कोविंद को महज छह वोट मिले।
क्रॉस वोटिंग ने बढ़ाया जीत का अंतरराष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने विपक्षी खेमे में भी सेंध लगाई। इस चुनाव में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा जैसे राज्यों में क्रॉस वोटिंग हुई, जिसका फायदा कोविंद को मिला। पश्चिम बंगाल में राजग के पास कुल 6 विधायक थे, मगर उसे ११ विधायकों के वोट मिले। गुजरात में कांग्रेस के 57 विधायक हैं, मगर मीरा कुमार को 49 विधायकों के वोट ही हासिल हुए। दिल्ली में भाजपा के 4 विधायक हैं, पर कोविंद को 6 वोट मिले। इसी तरह गोवा में कांग्रेस के 16 विधायक हैं, पर मीरा को केवल 11 वोट ही मिले। जबकि त्रिपुरा में जहां भाजपा का कोई विधायक नहीं है, वहां भी कोविंद को 7 वोट मिले। इनमें अधिकांश तृणमूल कांग्रेस के बागी बताए जाते हैं। असम में भी विपक्षी खेमे के चार विधायकों ने कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की।