जयपुर: रेप पीड़ित महिला के साथ सेल्फी पर उठा विवाद, आयोग ने दी सफाई
सेल्फी लेना आजकल प्रचलन में है। लेकिन कभी-कभी ये मुसीबत भी बन जाती है। राजस्थान राज्य महिला आयोग की सदस्य के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।
नई दिल्ली। जहां एक तरफ महिला आयोग महिलाओं को न्याय दिलाने और उनके दर्द को कम करने की बात करता है वहीं राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। दरअसल आयोग की सदस्या सौम्या गुर्जर और अध्यक्ष सुमन शर्मा दुष्कर्म पीड़िता से मिलने थाने गईं थीं।
मुलाकात के दौरान सौम्या गुर्जर रेप पीड़िता के साथ सेल्फी लेने लगीं जिसमें आयोग की अध्यक्ष भी नजर आ रही हैं। रेप पीड़ित के साथ सेल्फी लेते उनकी यह तस्वीर अब वायरल हो रही है जिसके बाद आयोग ने उनसे स्पष्टीकरण मांग लिया है। सदस्या ने अपने बचाव में दलील देते हुए ये कहा है कि डॉक्टरों ने ये कहा था कि दोस्ताना माहौल बनाकर पीड़ित लड़की के बयान सही ढंग से दर्ज किया जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ इस घटना को लेकर आयोग की चेयरपर्सन सुमन शर्मा ने कहा कि मैं सेल्फी को जस्टिफाई नहीं कर रही हूं, वो गलत था। हमारी जांच 4 घंटे तक चली और उस दौरान पीड़िता लगातार बयान बदल रही थी। हम कई बार उनका मन बहलाने के लिए कोशिश करते हैं। लेकिन, ये किसी भी पीड़िता का अपमान है। उन्होंने कहा कि ये नहीं पता है कि सेल्फी किसने ली थी।
महिला आयोग भले ही इसमें सफाई दे रहा हो लेकिन इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और कांग्रेस ने तो आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा एवं सदस्य सौम्या गुर्जर द्वारा आमेर दुष्कर्म पीड़िता के साथ सेल्फी खींची जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि महिला आयोग संवैधानिक संस्था है जिसके प्रतिनिधियों को न्याय दिलाने में पीड़ित महिलाओं की आवाज उठाते हुए सरकार को बाध्य करना चाहिए ना कि आयोग में उन्हें सरकार द्वारा दिए गए पदों के लिए सरकार के प्रति उपकृत महसूस करते हुए सरकारी प्रतिनिधि की तरह व्यवहार करना चाहिए।