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सात माह में बदले दूसरे गृह सचिव, राजीव महर्षि को मिली कमान

काम करने के लिए तरीके पर लग रहे सवालिया निशानों के कारण गृह सचिव एलसी गोयल को सात महीने में ही पदमुक्त कर दिया गया है। वैसे उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए उन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवद्र्धन संगठन (आइटीपीओ) का सीएमडी बना दिया गया है। नियम के मुताबिक गृह

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 12:56 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 02:34 AM (IST)
सात माह में बदले दूसरे गृह सचिव, राजीव महर्षि को मिली कमान

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। काम करने के लिए तरीके पर लग रहे सवालिया निशानों के कारण गृह सचिव एलसी गोयल को सात महीने में ही पदमुक्त कर दिया गया है। वैसे उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए उन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवद्र्धन संगठन (आइटीपीओ) का सीएमडी बना दिया गया है। नियम के मुताबिक गृह सचिव की नियुक्ति दो साल के लिए होती है। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में दो बार गृह सचिव बदले जा चुके हैं। इससेपहले इसी साल फरवरी में अनिल गोस्वामी को समय से पहले हटा दिया गया था। उन पर नरसिंह राव सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे मतंग सिंह की गिरफ्तारी रोकने के लिए सीबीआइ पर दबाव बनाने का आरोप लगा था। उनकी जगह आए एलसी गोयल को भी सात महीने में जाना पड़ गया। कांग्रेस ने इसे नगा समझौते से जोड़ते हुए सरकार पर सवाल उठाया है। गोयल की जगह सोमवार को सेवानिवृत्ति से ठीक पहले वित्त सचिव राजीव महर्षि को नया गृह सचिव नियुक्त किया गया।

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उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार एलसी गोयल के काम करने के तरीके से गृह मंत्री राजनाथ सिंह लंबे समय से खुश नहीं थे। राजनाथ जिस समयबद्ध तरीके से गृह मंत्रालय का काम चाहते थे, उसे गोयल पूरा नहीं कर पा रहे थे। यही नहीं, कुछ मुद्दों को लेकर दोनों के बीच मतभेद भी था। इसे लेकर राजनाथ ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। उनका कहना था कि गोयल के रहते हुए गृह मंत्रालय के कामकाज में उस शिद्दत और तेजी के साथ पूरा नहीं किया जा सकता है, जिसकी खुद प्रधानमंत्री अपेक्षा करते हैं।

इसके बाद शनिवार को गोयल को भी इससे अवगत करा दिया गया। गोयल ने तत्काल स्वैछिक अवकाश के आग्रह का पत्र भेज दिया, जिसे सोमवार को स्वीकार भी कर लिया गया। हैरानी की बात यह है कि पूरा घटनाचक्र इतनी तेजी और गोपनीय तरीके से घूमा कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। गृह मंत्रालय के एडीजी मीडिया कुलदीप धतवालिया से जब दैनिक जागरण ने दोपहर में इस संबंध में सवाल पूछा तो, उन्होंने इसे अफवाह कहकर खारिज कर दिया। वैसे यह अलग बात है कि एक घंटे बाद उन्हें एसीसी के फैसले की रिलीज जारी करनी पड़ी। गृह मंत्रालय में भी दिनभर गोयल के हटाने के कारणों के कयास लगाए जाते रहे। इनमें नागा समझौते पर एनएसए के साथ मतभेद, तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ पर कार्रवाई में देरी के साथ-साथ सनटीवी के खिलाफ कार्रवाई शामिल हैं। लेकिन राजनाथ के करीबी सूत्रों ने सिरे से इन अटकलों को खारिज कर दिया।

गोयल की जगह नए गृह सचिव बनाए गए राजीव महर्षि राजस्थान कैडर के आइएएस अधिकारी हैैं। सोमवार को ही उनको वित्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त होना था। गृह सचिव के रूप में नियुक्ति के बाद उनका कार्यकाल दो साल और बढ़ गया है। इसके पहले भी जनवरी में सेवानिवृत्ति के ठीक पहले इसी तरह एस जयशंकर को विदेश सचिव नियुक्त किया गया था। इसके लिए तत्कालीन विदेश सचिव सुजाता सिंह को समय से पहले चलता कर दिया गया था। हैरानी की बात है कि महर्षि के साथ दो अन्य मंत्रालय में बनाए गए सचिव भी राजस्थान कैडर के ही हैं। सुनील अरोड़ा को नया सूचना प्रसारण सचिव और विनोद जुत्सी को नया पर्यटन सचिव नियुक्त किया गया है।

मोदी के निजी सचिव का प्रमोशन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव और भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी संजीव कुमार सिंगला को प्रोन्नति देकर संयुक्त सचिव का दर्जा दे दिया गया है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 1997 बैच के विदेश सेवा के अधिकारी सिंगला की पदोन्नति को मंजूरी दी दी है।

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'भारत सरकार में गृह सचिव एक संवेदनशील पद है। उनको भी कार्यकाल पूरा होने से पहले हटा दिया। सरकार ने यह एक तरीका बना लिया है। जब किसी की विदाई करते हैं, तो अपमानित करके करते हैं।' -आनंद शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता

पढ़ें: नए गृह सचिव की नियुक्ति पर आप ने उठाए सवाल


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