राजीव गांधी खेल अभियान का खेलो इंडिया में विलय
केंद्र सरकार ने राजीव गांधी खेल अभियान योजना का नाम बदल दिया है। अब इसे 'खेलो इंडिया' के नाम से जाना जाएगा।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम से चलाई जा रही योजना राजीव गांधी खेल अभियान को बंद करने का फैसला लिया है। इसका केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना खेलो इंडिया में विलय किया गया है। इसके अतिरिक्त पूर्व में यूपीए सरकार द्वारा चलाई गई दो अन्य योजनाएं अर्बन स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम और नेशनल स्पोट्र्स टैलेंट सर्च स्कीम को भी खेलों इंडिया में शामिल किया गया है। इससे पहले भी केंद्र कई योजनाओं से राजीव गांधी का नाम हटा चुका है।
खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बेहतर और प्रतियोगी माहौल तैयार करना है। खेलो इंडिया योजना के लिए चालू वर्ष के बजट में केंद्र सरकार ने 140 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। राजीव गांधी खेल अभियान को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और तत्कालीन खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने फरवरी, 2014 में लांच किया था। इसका लक्ष्य अगले पांच सालों में देश के सभी ब्लॉक में खेल भवन बनाने का था। हालांकि उसी वर्ष बीजेपी सरकार आने के बाद राहुल गांधी की यह महत्वाकांक्षी योजना ठीक से लागू नहीं हो पाई और आखिरकार इसका विलय खेलो इंडिया में कर दिया गया है।
खेलो इंडिया अभियान गुजरात के खेल मॉडल पर केंद्रित है, जिसमें खेल महाकुंभ लगाया जाएगा। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों के स्कूल और कॉलेज हिस्सा लेंगे। गुजरात की खेल अथॉरिटी हर साल गर्मियों में यह कैंप लगाती है। अब इसी तर्ज पर केंद्र सरकार भी योजना को आगे बढ़ाएगी। इस योजना में सभी स्कूलों और कॉलेजों को वार्षिक खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस प्रतियोगिता का आयोजन गर्मियों के कैंप के रूप में राज्यों के साइ केंद्रों में किया जाएगा।
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