आसाराम बापू से जान का खतरा
दुष्कर्म पीड़ित छात्रा के पिता ने अपने गुरु आसाराम बापू से जान का खतरा बताने के साथ ही बड़े षडयंत्र की आशंका जताई है। कहा कि हर राजनीतिक पार्टी और विभाग में बापू के लोग हैं। उन्हें उकसाया जा रहा है। बापू और उनके नजदीकी शिष्यों से मिलवाने, बात कराने की कोशिश के साथ ही मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जा रहा है। वे मुझे किसी तरह जाल में फंसाकर केस को कमजोर करना चाहते हैं। पर न मैं डरूंगा, न डिगूंगा और न मिलूंगा..।' अपनी बेटी को जान पर खेल कर भी इंसाफ दिलाऊंगा।
शाहजहांपुर [जासं]। दुष्कर्म पीड़ित छात्रा के पिता ने अपने गुरु आसाराम बापू से जान का खतरा बताने के साथ ही बड़े षडयंत्र की आशंका जताई है। कहा कि हर राजनीतिक पार्टी और विभाग में बापू के लोग हैं। उन्हें उकसाया जा रहा है। बापू और उनके नजदीकी शिष्यों से मिलवाने, बात कराने की कोशिश के साथ ही मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जा रहा है। वे मुझे किसी तरह जाल में फंसाकर केस को कमजोर करना चाहते हैं। पर न मैं डरूंगा, न डिगूंगा और न मिलूंगा..'। अपनी बेटी को जान पर खेल कर भी इंसाफ दिलाऊंगा।
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इंदौर से दूरभाष पर 'जागरण' से बातचीत में पीड़िता के पिता ने बताया कि उन्हें संत आसाराम के दो अति निकटस्थ साधकों ने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है। चार दिन तक धमकी का सिलसिला चला। जब उन्होंने फोन टेप होने की जानकारी दी तब धमकियां बंद हुई। इतना ही नहीं, आसाराम बापू के छिंदबाड़ा आश्रम में कक्षा आठ में पढ़ रहे उनके पुत्र को सौंपने में हीलाहवाली की गई। केस वापसी का दबाव बनाया गया।
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जोधपुर और छिंदबाड़ा पुलिस के साथ जब वह बेटे को लेने गए तो उन्हें जाल में फंसाने की कोशिश की। बापू से मिलवाने को घेराबंदी की गई। जब उन्होंने मिलने से मना कर दिया तो फोन पर बात कराने का प्रयास हुआ। बापू ने अपने निजी चैनल के लोगों को भी लगा दिया था ताकि सवाल-जवाब करके वह मनमानी व्याख्या से कमजोर कर सकें।
लड़की के पिता ने कहा-बेटी के साथ राक्षस सरीखा व्यवहार करने वाले संत से मिलने और बात करने से उन्होंने सीधे मना कर दिया है। बापू के टीवी चैनल से बात भी नहीं की।
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