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जलकुंभी में फंसकर 35 भैंसों की मौत

राजधानी रायपुर से करीब 20 किलो मीटर दूर नंदनवन से लगे कुम्हारी थानाक्षेत्र के अकोला गांव में खारून नदी के एनिकट के पास जलकुंभी में फंसकर 34 भैंसें और 1 गाय पानी में डूब गई।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 05:38 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 02:11 PM (IST)
जलकुंभी में फंसकर 35 भैंसों की मौत

रायपुर। राजधानी रायपुर से करीब 20 किलो मीटर दूर नंदनवन से लगे कुम्हारी थानाक्षेत्र के अकोला गांव में खारून नदी के एनिकट के पास जलकुंभी में फंसकर 34 भैंसें और 1 गाय पानी में डूब गई। घटना गुरुवार की बताई जा रही है। चरने गई भैंसों के शाम तक घर वापस नहीं आने से किसानों ने कुम्हारी थाने में उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। रविवार सुबह 9 बजे एनिकट में पानी के बाहर तीन भैंसों के शव तैरने लगे, जिसे वहां नहा रहे ग्रामीणों ने देखा।

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कुछ देर बाद ही जिनकी भैंसें लापता थीं, वे एक-एक कर मौके पर पहुंचे। गांव वालों ने इसकी सूचना पुलिस को भी दी, लेकिन मौके पर पुलिस नहीं पहुंची। गुस्साए ग्रामीणों ने एनिकट के पास चक्काजाम कर कुछ देर प्रदर्शन भी किया। इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। शाम तक क्रेन की मदद से एनिकट से 6 भैंसों के शवों को बाहर निकाल लिया गया। अंधेरा होने के कारण बाकी की तलाश नहीं की जा सकी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार सोमवार सुबह फिर से मृत भैंसों के शवों को निकाला जाएगा।

कुम्हारी पुलिस के अनुसार थाने में 34 भैंसों और 1 गाय के लापता होने की शिकायत की गई थी। थाना प्रभारी बृजेश कुशवाहा ने बताया कि अकोला गांव के चार किसानों मनोज यादव, दिनेश यादव, अवध यादव व हरदेव यादव ने अपनी भैसों के लापता होने की शिकायत की थी। रविवार सुबह 9 बजे अकोला एनिकट में भैंसों के शव पानी के ऊपर तैरने की खबर के साथ अधिकारी मौके पर पहुंचे। दिनभर चले ऑपरेशन में 6 भैंसों के शव बरामद किए गए। शेष भैंसों की तलाश जारी है। बहाव में आई जलकुंभी ग्रामीणों का कहना था कि अकोला एनिकट के पास नदी के बहाव के साथ जलकुंभी पहुंची है।

जिला प्रशासन ने समय पर नदी की जलकुंभी की सफाई नहीं की जिससे यह हादसा हुआ। इसे लेकर ग्रामीण काफी नाराज दिखे। लापता भैंसों में मनोज यादव की सबसे अधिक 22 भैंसें और एक गाय है। दिनेश यादव की 5, अवध यादव की 3 और हरदेव यादव की 4 भैंसें लापता हैं। देवेन्द्र यादव की 9 भैंसें, हीरालाल की 5 भैंसें , पुरु यादव की 4 भैंसें, ताजी राम साहू की 2 भैंसें, आनंद दास व माखन यादव की 1-1 भैंस भी गायब है। बचाव कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया कि एनिकट में 12-13 भैंसें डूबे देखे गए, जिन्हें निकालने की कोशिश की गई जबकि नीचे तरफ कुछ और भैंसों के शव फंसे होने की आशंका है। एक भैंस का पोस्टमार्टम भी हुआ मौके पर कुम्हारी के वेटनरी डॉक्टर आर कश्यप, डॉ. बबीता देवांगन, डॉ. हेमंत गजभिये, डॉ. सुशील चंद्राकर व डॉ. जेके सिंह भी पहुंचे थे।

मौके पर ही एक भैंस का पोस्टमार्टम किया गया। डॉ. कश्यप ने बताया कि भैंसों की मौत शुक्र वार रात को हुई थी। पानी में डूबने के कारण ही भैंसों की मौत हुई। डॉक्टरों की टीम एनिकट के पास शाम तक डटी रही, जो अंधेरा होने के लौटी। वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी भी देर शाम तक मौके पर थे। तहसीलदार एआर राणा, एसडीएम मरकाम व कुम्हारी थाना प्रभारी बृजेश कुशवाहा अपने दलबल के साथ मौजूद थे। सूचना पर आमानाका और उरला पुलिस की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची थी। जलकुंभी की सफाई न होने से ग्रामीणों में आक्रोश खारून नदी के किनारे गुमा और अकोला गांव के बीच घाट बना हुआ है। गुमा में एनिकट बनाया गया है। आगे घाट पूरी तरह जलकुंभी से अटा पड़ा है। जलकुंभी को हटाने के लिए ग्रामीणों ने पूर्व में स्थानीय प्रशासन को कई बार सूचना दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इससे गांव वाले आक्रोशित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि एनिकट का दरवाजा बंद होने से भैंसें निकल नहीं पाईं और डूब गईं। एनिकट को पार करके उनके मवेशी हमेशा पास के जंगल व खेत में चरने जाते थे और शाम तक उसी रास्ते से घर लौट आते थे। एक साथ इतनी संख्या में भैंसों के डूबकर मरने से महामारी का खतरा भी मंडराने लगा है। सब कुछ लुट गया मनोज यादव की सबसे ज्यादा 22 भैंसें और एक गाय एनिकट में डूबी है। मनोज यादव का कहना है कि उसका सब कुछ लुट गया। भैंसों की कीमत लगभग 20 लाख रुपए से अधिक है। मनोज का कहना है कि दुग्ध व्यवसाय के लिए जीवनभर की पूंजी उसने लगा दी थी। यदि सरकार से मदद नहीं मिली तो उसका पूरा परिवार सड़क पर आ जाएगा।

मनोज ने अपनी व्यथा गांव के सरपंच भूपेन्द्र दुबे को भी बताई।

इनका कहना है

सभी को मिले मुआवजा जिन ग्रामीणों ने अपनी भैंसें खोई हैं उन्हें सरकार की ओर से उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। भैंसें ही उनकी रोजी का एकमात्र सहारा थीं। इसलिए जिला प्रशासन के अधिकारी मुआवजे की अनुसंशा करें। -भूपेन्द्र दुबे, सरपंच, ग्राम पंचायत अकोला

नियमानुसार मिलेगा मुआवजा सूचना मिलने के बाद से ही जिला प्रशासन के अधिकारी व पुलिस मौके पर हैं। जिन ग्रामीणों ने भैंसें लापता होने की लिखित शिकायत की है, उन्हें नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। -एआर राणा, तहसीलदार, दुर्ग भैंसों के डैम में डूबने की जानकारी मिलने पर रायपुर से पुलिस टीम घटनास्थल पर गई थी। घटना कुम्हारी थानाक्षेत्र का होने के कारण वहां पर स्थानीय पुलिस बल और प्रशासन के अधिकारी पहुंचे थे। - नीरज चंद्राकर, एडिशनल एसपी सिटी


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