कश्मीर में बारिश थमी, पानी उतरा, राहत कार्य जारी
बाढ़ से जूझ रहे कश्मीर घाटी को थोड़ी राहत मिली है। बीती रात से बारिश थम गई है और रिहायशी इलाकों में घुसा पानी भी उतने लगा है। झेलम नदी भी अब खतरे के निशान से नीचे बह रही है। इससे पहले शनिवार शाम से जारी मूसलधार बारिश ने एक
श्रीनगर। बाढ़ से जूझ रहे कश्मीर घाटी को थोड़ी राहत मिली है। बीती रात से बारिश थम गई है और रिहायशी इलाकों में घुसा पानी भी उतने लगा है। झेलम नदी भी अब खतरे के निशान से नीचे बह रही है।
इससे पहले शनिवार शाम से जारी मूसलधार बारिश ने एक बार फिर पहले जैसे हालात पैदा कर दिए थे। झेलम समेत सभी प्रमुख नदी-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था और घाटी में लगभग छह पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया था।
अब राहत तथा बचाव कार्य में सेना तैनात कर दी गई है। प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी हालात पर लगातार नजर रखे हुए है।
इस बीच, बड़गाम में हुए भूस्खलन में 21 लोग अपने माल-मवेशियों व चार मकानों समेत जिंदा दब गए। दो महिलाओं समेत छह लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। एसपी बड़गाम फैयाज लोन ने बताया कि हादसा पीरपंचाल की पहाड़ियों में स्थित नीलनाग इलाके में हुआ है।
लेडन-नागम गांव में सुबह करीब नौ बजे अचानक जमीन धंसने लगी और पहाड़ी पर भूस्खलन से मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर और चट्टानें नीचे गिरने लगीं। इससे चार मकान पूरी तरह मलबे में दब गए। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में पुलिस और सीआरपीएफ की 164वीं वाहिनी के जवान तो बच गए लेकिन उनके लिए बनी तीन मंजिला इमारत पूरी तरह क्षतिग्र्रस्त हो गई। जम्मू के राजौरी व पुंछ जिलों में बारिश से 20 मकान ढह गए जबकि उधमपुर में एक व्यक्ति के मरने की सूचना है। कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर स्थित छह पुल भी बह जाने की खबर है।
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