रेलवे का नया मंत्र : सुरक्षित चलो, भले लेट पहुंचो
इसका रेल यातायात पर बुरा असर पड़ा है। अधिकांश प्रमुख ट्रेने लेट चल रही हैं। जबकि कई कम जरूरी ट्रेनों को रद करना पड़ रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर भारत में अभी कोहरा ठीक से पड़ना शुरू भी नहीं हुआ है और ट्रेने रेंगने लगी हैं। यात्रियों का बुरा हाल है। पुखरायां हादसे के बाद सर्दियों में सुरक्षित ट्रेन संचालन रेलवे की पहली प्राथमिकता बन गया है। जबकि समय की पाबंदी का कोई मूल्य नहीं रह गया है।
उत्तर भारत पर कोहरे ने दस्तक दे दी है। पिछले एक हफ्ते से क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में कोहरे का प्रभाव देखने को मिल रहा है जो कहीं छिटपुट तो कहीं गंभीर नजर आता है। ज्यादातर इलाकों में अभी कोहरे का असर सुबह के वक्त ही दिखाई दे रहा है। लेकिन कई ऐसे भी क्षेत्र हैं जो रात बारह बजे से लेकर दोपहर बारह बजे तक कोहरे के आगोश में रहते हैं। इसका रेल यातायात पर बुरा असर पड़ा है। अधिकांश प्रमुख ट्रेने लेट चल रही हैं। जबकि कई कम जरूरी ट्रेनों को रद करना पड़ रहा है।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार कोहरे के कारण उत्तर भारत के अंतर्गत पड़ने वाले तकरीबन सभी जोनों में ट्रेन संचालन पर असर पड़ा है। इनमें उत्तर, उत्तर-मध्य, पूर्व, पूर्वोत्तर सीमांत तथा दक्षिण-पूर्व रेलवे शामिल हैं। कोहरे के कारण हर जोन रोजाना स्थिति के अनुसार कुछ कम महत्वपूर्ण ट्रेनों को रद कर रहा है। जबकि बाकी ट्रेनों को 20-60 किलोमीटर की सीमित रफ्तार पर चलाने की इजाजत दी जा रही है। मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक दिल्ली आने वाली 81 ट्रेने लेट चल रही थीं।
जबकि 21 ट्रेनों के समय में परिवर्तन किया गया था। यही नहीं, कोहरे के कारण तीन को रद भी करना पड़ा। लेट चलने वाली ट्रेनों में हिमगिरी एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस, पुरबिया एक्सप्रेस, कैफियत एक्सप्रेस, अवध-असम एक्सप्रेस, पंजाब मेल, कोटा-पटना एक्सप्रेस, नौचंदी एक्सप्रेस, बिहार संपर्क क्रांति, गरीब रथ, मऊ-आनंद विहार एक्सप्रेस, त्रिवेणी एक्सप्रेस आदि के नाम शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर ट्रेने 18-26 घंटे तक लेट थीं। कुल मिलाकर उत्तर भारत में औसतन ढाई सौ ट्रेने रोजाना कोहरे के कारण प्रभावित हो रही हैं।
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि पुखरायां दुर्घटना के बाद हमने सभी जोनों से सुरक्षित ट्रेन संचालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने, कोहरे में ट्रेन आपरेशन के नियमों का सख्ती से पालन करने तथा हर हाल में दुर्घटना से बचने को कहा है। दुर्घटना होने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत भी दी गई है। इसका असर स्वाभाविक रूप से ट्रेनों की रफ्तार पर दिखाई दे रहा है। इसके बावजूद मंगलवार रात को राजेंद्रनगर-गुवाहाटी कैपिटल एक्सप्रेस का एक्सीडेंट हो गया। लेकिन रफ्तार कम होने से जान-माल का उतना नुकसान नहीं हुआ।