रेलवे ने टिकट बिक्री के लिए निजी कंपनियों को दिया न्योता
रेलवे ने आरक्षित और अनारक्षित दोनों श्रेणी के टिकटों की बिक्री के लिए निजी कंपनियों को न्योता दिया है।
नई दिल्ली। रेलवे ने आरक्षित और अनारक्षित दोनों श्रेणी के टिकटों की बिक्री के लिए निजी कंपनियों को न्योता दिया है। हालांकि, उसके इस कदम से कर्मचारी संगठनों में रोष है और वे रेलवे के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। इसके पहले 50 प्रमुख स्टेशनों की सफाई का जिम्मेदारी आउटसोर्स करने यानी निजी कंपनी से कराने और मानव रहित क्रॉसिंग पर ट्रैकमैन की बजाय निजी कंपनियों द्वारा 'गेट मित्र' तैनात करने का फैसला किया गया था।
कर्मचारी संगठनों ने इसे पिछले दरवाजे से किया जा रहा रेलवे के संचालन का निजीकरण बताया। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक रेलवे बोर्ड ने कंप्यूटरीकृत यात्री आरक्षण सिस्टम (पीआरएस) और अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम टर्मिनल स्थापित करने के लिए पब्िलक प्राइवेट पार्टनरशिप को लागू करने का निर्देश दिया था। इसका रेलवे यूनियनों ने कड़ा विरोध किया। वर्तमान में देशभर में पीआरएस को रेलवे कर्मचारियों संचालित करते हैं, जबकि सिर्फ आधिकृत ट्रेवल एजेंट्स ही ई-टिकट्स बेच सकते हैं।
नए आरक्षण केंद्रों को यात्री टिकट सुविधा केंद्र (वाईटीएसके) कहा जाएगा। रेलवे ने अपनी इस योजना को न्यायसंगत बताते हुए कहा कि इससे टिकटों की खरीदारी के लिए केंद्रों का विस्तार होगा, जिससे यात्रियों को मदद मिलेगी। इसकी शुरुआत में रेलवे उन आधिकृत टिकटिंग एजेंट्स को टिकट बेचने की अनुमति देगा, जिनके पास कम से कम पांच साल का अनुभव हो, जिनका कार्यालय रेलवे स्टेशन के बाहर हो और जिनके पास वाईटीएसके संचालित करने के लिए माकूल इंफ्रास्ट्रक्चर हो।