रेलवे में रिपोर्ट दावा, इसलिए तेजस एक्सप्रेस में बिगड़ी यात्रियों की तबीयत
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खाने की क्वालिटी में कोई समस्या नहीं थी। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ग्रुप ने ट्रेन में दिया गया खाना खाया या अपने पास का।
नई दिल्ली, एजेंसी। गोवा से मुंबई जा रही तेजस एक्सप्रेस में रविवार को खाना खाने के बाद ट्रेन के 26 यात्रियों के बीमार होने के मामले की जांच रिपोर्ट में अलग ही बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक खाने में कोई गड़बड़ी नहीं थी, बल्कि समस्या दो बच्चों के उलटी कर देने से एसी कोच की हवा दूषित होने के कारण पैदा हुई।
सेंट्रल रेलवे की टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ट्रेन में खाने की गुणवत्ता 'संतोषजनक' थी। लेकिन हिमाचल प्रदेश के पर्यटकों के एक समूह के दो बच्चों के उलटी करने से परेशानी शुरू हो गई। तीन सदस्यीय जांच टीम में रेलवे और आइआरसीटीसी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक- उलटी की गंध से परेशानी होने लगी। इसके बाद दो और बच्चों ने उलटी कर दी। इससे कोच की हवा और दूषित हो गई और फिर दो और बच्चों ने उलटी कर दी। इससे बच्चों के माता-पिता भी असहज महसूस करने लगे।' इस घटना के बाद सी1, सी2, सी5, सी7 कोचों के भी कुछ यात्री, जो उस कोच से गुजरे, बेचैनी की शिकायत करने लगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोलकाता के पर्यटकों के एक समूह ने भी बेचैनी की शिकायत की। ग्रुप के टूर मैनेजर ने बताया कि वे महाराष्ट्र और गोवा में पिछले 16 दिनों से लगातार यात्रा कर रहे हैं और उनके पास कोलकाता से लाया घर का खाना था, जिसमें मछली भी थी।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खाने की क्वालिटी में कोई समस्या नहीं थी। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ग्रुप ने ट्रेन में दिया गया खाना खाया या अपने पास का। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि क्या मछली की गंध से उलटी हुई। रेलवे ने कहा है कि उसके अधिकारियों ने 20 यात्रियों से बात कर उनके बयान दर्ज किए हैं। डॉक्टर ने भी अधिकारियों को बताया कि खाने में कोई गड़बड़ी नहीं थी। हालांकि कुछ यात्रियों ने आमलेट से गंध आने बात कही।
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