टेंडर की शर्ते हटाने पर फंसे रेलवे बोर्ड के सदस्य
रेलवे में प्रमोशन व पोस्टिंग के लिए घूस देने के मामले की जांच में जुटी सीबीआइ के शिकंजे में कई और अधिकारी भी फंसते नजर आ रहे हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की दौड़ में शामिल मेंबर इलेक्ट्रिकल कुलभूषण पर एक निजी कंपनी को टेंडर अलॉट होने के बावजूद फायदा पहुंचाने के लिए शर्ते हटाने का म
अंबाला, [दीपक बहल]। रेलवे में प्रमोशन व पोस्टिंग के लिए घूस देने के मामले की जांच में जुटी सीबीआइ के शिकंजे में कई और अधिकारी भी फंसते नजर आ रहे हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की दौड़ में शामिल मेंबर इलेक्ट्रिकल कुलभूषण पर एक निजी कंपनी को टेंडर अलॉट होने के बावजूद फायदा पहुंचाने के लिए शर्ते हटाने का मामला सामने आया है।
मेंबर इलेक्ट्रिकल कुलभूषण के पास कुछ समय पूर्व मेंबर इंजीनियरिंग का भी अतिरिक्त कार्यभार था। इसी दौरान अधिकारी की मेहरबानी से एक कंपनी को करोड़ों का फायदा हुआ। दरअसल, रेलवे कॉलोनी विकसित करने के लिए उक्त कंपनी को ठेका दिया गया था। जमीन रेलवे की थी लेकिन क्वार्टर कंपनी को बनाने थे। इसकी एवज में रेलवे ने जमीन का एक कॉमर्शियल टुकड़ा कंपनी को 99 साल के लिए लीज पर देने की पेशकश की थी। कंपनी को जो किश्त जमा करानी थी, उसमें निर्धारित समय की सीमा में कुछ परिवर्तन कर अधिकारी ने कंपनी को फायदा पहुंचाया था। इस प्रकरण की भनक लगने के बाद सीबीआइ ने फाइल को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। इसी महीने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनय मित्तल रिटायर हो रहे हैं। चेयरमैन बनने की दौड़ में कुलभूषण का नाम पैनल में शामिल है लेकिन इसमें सीबीआइ की जांच रोड़ा बन सकती है।
इसके अतिरिक्त तत्कालीन रेल मंत्री पवन बंसल के निजी सचिव राहुल भंडारी पर कपूरथला कोच फैक्ट्री में इलेक्ट्रिकल विभाग के एक आला अधिकारी की पोस्टिंग कराने का शक है। घूसकांड में गिरफ्तार संदीप गोयल कपूरथला कोच फैक्ट्री के ठेके लेता था और उसका भी इलेक्ट्रिकल विभाग के उक्त अधिकारी से संबंध रहा है। इसी प्रकार अंबाला में इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल में गोलमाल की भनक सीबीआइ को मिली है, जिसकी दिल्ली से फाइलें जांची जा रही है।
दो अधिकारियों पर कस सकता है शिकंजा
रेलवे बोर्ड के दो और अधिकारियों पर सीबीआइ का शिकंजा कस सकता है। इंजीनियरिंग में पोस्टिंग के लिए आला अधिकारी ने आधी रिश्वत दी और पद मिलने के बाद पूरी रिश्वत नहीं दी। बात बड़े साहब तक पहुंची, जिन्होंने फोन पर रुपये न देने का कारण पूछा। इन दो आला अधिकारियों में हुई वार्ता की रिकार्डिग सीबीआइ के हाथ लगने की चर्चाएं हैं। इनमें से एक अधिकारी जल्द रिटायर होने वाले हैं।
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