कोर्ट में पेशी के बाद बोले राहुल, RSS के विचारों के खिलाफ है उनकी लड़ाई
आरएसएस पर टिप्पणी कर मानहानि केस का सामना कर रहे राहुल गांधी आज असम की अदालत में पेश हुए।
गुवाहाटी (अाईएएनएस)। कोर्ट में पेश होने के बाद बोले राहुल गांधी ने कहा कि उनकी लड़ाई आरएसएस के विचारों के खिलाफ हैं, आरएसएस के लोग देश बांटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों के खिलाफ लड़ाई और सांप्रदायिक सद्भाव के अभियान को रोकने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मानहानि के एक मामले में आज कामरूप जिले की मेट्रोपॉलिटन अदालत में पेश हुए। पेशी के दौरान उनके साथ असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई भी थे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने राहुल को 6 अगस्त को समन जारी करके 29 सितम्बर को अदालत के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया था।I am against the ideology of RSS and other organisations that try to divide this nation: Rahul Gandhi in Guwahati (Assam) pic.twitter.com/WjE5TRC7Jw
— ANI (@ANI_news) September 29, 2016
आरएसएस के कार्यकर्ता अंजन बोरा ने राहुल के खिलाफ कामरूप के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में आपराधिक मानहानि मामला दायर कर आरोप लगाया था कि बारपेटा सतरा में आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रवेश नहीं करने देने का आरोप लगाकर संगठन की छवि को खराब किया है। बारपेटा सतरा 16वीं सदी का वैष्णो मंदिर है। राहुल ने 12 दिसम्बर 2015 को ये आरोप लगाए थे।
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जानिए, क्या है मामला
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवी अंजन बोरा ने राहुल गांधी के खिलाफ कथित तौर पर आरएसएस की छवि धूमिल करने के लिए मानहानि का मामला दर्ज कराया है। बोरा का आरोप है कि राहुल ने मीडिया के समक्ष कहा था कि उन्हें पिछले साल दिसंबर में आरएसएस सदस्यों ने 'बारपेटा सत्र' (एक संस्थान) में प्रवेश नहीं करने दिया था।
बोरा ने कहा कि राहुल पिछले साल 12 दिसंबर को 16 वीं सदी के बारपेटा सत्र का दौरा करने वाले थे, लेकिन उन्होंने सत्र में शामिल न होने का निर्णय लिया और इसके बदले उन्होंने बारपेटा शहर में एक रैली में हिस्सा लिया।
बोरा ने कहा कि हालांकि, राहुल ने नई दिल्ली में मीडिया से कहा कि उन्हें आरएसएस सदस्यों ने सत्र में प्रवेश नहीं करने दिया। बोरा ने साथ ही कहा कि आरएसएस सत्र का संचालन नहीं करता, इसलिए वह राहुल को रोक नहीं सकता था। इसके अलावा राहुल गांधी के बयान से सत्र की प्रतिष्ठा को भी धक्का पहुंचा। इसलिए उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
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