कांग्रेस में बवाल पर राहुल का बयान, 'ये पार्टी का अंदरुनी मामला'
लोकसभा चुनाव में हार के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और असम में पार्टी के भीतर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इस बवाल पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि ये पार्टी का अंदरुनी मामला है। इस संबंध में उन्होंने अपनी राय पार्टी को बता दी है।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में हार के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और असम में पार्टी के भीतर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इस बवाल पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि ये पार्टी का अंदरुनी मामला है। इस संबंध में उन्होंने अपनी राय पार्टी को बता दी है।
दरअसल सोमवार को असम और महाराष्ट्र के दो बड़े मंत्रियों ने खुलकर पार्टी के खिलाफ बगावत के सुर छेड़ दिए। असम में कांग्रेस के सीनियर मिनिस्टर हेमंत बिश्व सरमा ने मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ विद्रोह करते हुए राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। बिश्वा ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर भी सवाल उठाए। वहीं कल महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण राणे ने भी मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
उधर, हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाराज राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने एक बार फिर कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उनकी बात नहीं मानी तो वह कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने डोडा-उधमपुर से वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को टिकट देते हुए उन्हें एमएलसी और राज्य सरकार में मंत्री बनाने का वादा किया था, लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अलगाव का खतरा पैदा हो गया है। राकांपा ने कांग्रेस को दो टूक कह दिया है कि उसे महाराष्ट्र में विधानसभा की आधी सीटें नहीं मिली, तो वो अकेले चुनाव लड़ेगी।
महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा है कि अगर कांग्रेस ने उन्हें 144 सीटें नहीं दीं, तो एनसीपी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। एनसीपी को इन सीटों पर जीत की उम्मीद है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर जल्द ही चुनाव होने वाले हैं।
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