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कांग्रेस में बदलाव से पहले बदलते राहुल

। संगठन में नेतृत्व के खिलाफ उठते विरोध के स्वरों के बीच कांग्रेस बदलाव से पीछे हटती दिख रही है। पार्टी को सोच से भी ज्यादा बदल देने की बात कहने वाले पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब सबको साथ लेकर चलने की बात कहने लगे हैं। राहुल को पार्टी की

By Abhishake PandeyEdited By: Published: Sat, 15 Nov 2014 09:42 AM (IST)Updated: Sat, 15 Nov 2014 10:06 AM (IST)
कांग्रेस में बदलाव से पहले बदलते राहुल

नई दिल्ली। संगठन में नेतृत्व के खिलाफ उठते विरोध के स्वरों के बीच कांग्रेस बदलाव से पीछे हटती दिख रही है। पार्टी को सोच से भी ज्यादा बदल देने की बात कहने वाले पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब सबको साथ लेकर चलने की बात कहने लगे हैं। राहुल को पार्टी की कमान सौंपने को तैयार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी अब थोड़ा इंतजार करने को तैयार हो गई हैं।

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सत्ता पक्ष पर गुस्से की राजनीति का आरोप लगा रहे राहुल अब प्यार की राजनीति के रास्ते पर हैं। राहुल वरिष्ठ नेताओं से मिल रहे हैं और राज्यों की राजनीति को लेकर वह पुराने नेताओं पर भरोसा जता रहे हैं। साथ ही राज्यों को लेकर उनकी निर्णय लेने और अधिक भागीदारी पर सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं। नेहरू जयंती के मौके पर सबको साथ लेकर चलने की बात कहकर राहुल ने स्वीकार किया कि वह अब तक ऐसा नही कर पा रहे थे। वरिष्ठ नेताओं की आलोचना व राज्यों में पार्टी दिग्गजों के पलायन को देखते हुए यह बदलाव पार्टी को बिखराव से रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनावों में मिली पराजय व एके एंटनी की रिपोर्ट में इसके कारण समाने आने के बाद से ही पार्टी में परिवर्तन की आहट थी। उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में मिली हार व वरिष्ठ नेताओं के मुखर विरोध के कारण कांग्रेस परिवर्तन का जोखिम उठाने से पीछे हट गई। पार्टी में सत्ता के दो केंद्र होने से संगठन को हो रही क्षति के आरोप लगाने वाले दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं के ताजा बयान ने अनिर्णय की स्थिति बढ़ा दी है। उन्होंने सोनिया को संन्यास लेकर पार्टी की कमान राहुल को देने की बात कही थी। जबकि, इस अनिर्णय की बात से राहुल की कोर टीम सहमत नहीं है। राहुल की पकड़ मजबूत करने के लिए काम कर रही यह टीम संगठन चुनावों के जरिये उनके लिए जमीनी समर्थन जुटाने में लगी है। इन चुनावों की स्वतंत्र रूप से निगरानी के नाम पर टीम जिलास्तर तक पहुंच बनाने में लगी है। इन राज्यों में राहुल के करीबी महासचिव टीम के इन प्रयासों को हर संभव सहयोग दे रहे हैं।

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