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सरकारी मुलाजिम भी दे रहे कश्मीर में हिंसा को हवा

अलगाववादियों के मंसूबों को परवान चढ़ाने में मददगार बन रहे 150 सरकारी मुलाजिमों की अब तक शिनाख्त की जा चुकी है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 25 Sep 2016 01:52 AM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2016 05:25 AM (IST)
सरकारी मुलाजिम भी दे रहे कश्मीर में हिंसा को हवा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। वादी कश्मीर में हिंसा और बंद को राजपत्रित अधिकारी और पुलिस कर्मी भी हवा दे रहे हैं। अलगाववादियों के मंसूबों को परवान चढ़ाने में मददगार बन रहे 150 सरकारी मुलाजिमों की अब तक शिनाख्त की जा चुकी है। सूबे की सरकार ने ऐसे मुलाजिमों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग से
सूत्रों ने बताया है कि सुरक्षा एजेंसियों की ओर से तैयार रिपोर्ट में सरकारी मुलाजिमों के हिसाव देश विरोधी रैलियों में शामिल होने की जानकारी का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ऐसे तत्वों की फेहरिस्त तैयार करने के निर्देश दिए थे।

इसके बाद जांच एजेंसियों ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, मछली पालन, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, राजस्व, स्टेट मोटर गैराज, श्रीनगर नगर निगम और पर्यटन विभाग के 150 अफसरों-कर्मचारियों को चिह्नित किया है। इनमें सबसे ज्यादा 40 शिक्षा विभाग से हैं।

सात राजपत्रित अधिकारियों में एक जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में इंजीनियर है, जबकि एक वित्त विभाग में लेखाधिकारी। कश्मीर विश्वविद्यालय के एक असिस्टेंट रजिस्ट्रार के अलावा एक कॉलेज लेक्चरर, एक बीडीओ और एक डिप्टी चीफ एजुकेशन आफिसर रैंक का अधिकारी भी इस सूची में है।

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पत्थरबाजों में पुलिस वाले भी
पत्थरबाजी और राष्ट्रविरोधी रैलियों में हिस्सा लेने व इनके आयोजन में अहम भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों में निसार डार, रियाज गनई, रियाज अहमद, फिरदौस बट, एजाज जरगर, मुश्ताक के अलावा एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी अब्दुल रहमान वानी शामिल है। वानी जिला कुपवाड़ा का रहने वाला है, जबकि अन्य जिला बड़गाम से संबंधित बताए जाते हैं।

किस जिले से कितने अधिकारी
राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल सबसे ज्यादा 40 सरकारी अधिकारी जिला अनंतनाग से संबंधित हैं। श्रीनगर जिले से अब तक सिर्फ पांच ही सरकारी अधिकारियों के नाम हिसा भड़काने वाले तत्वों के साथ जुड़े हैं। गांदरबल से 20, कुपवाड़ा से 21 और पुलवामा जिले से 26 सरकारी अधिकारी व कर्मियों के नाम इस सूची में हैं।

खुलने लगी है घाटी
घाटी में शनिवार को लगातार 78वें दिन भी अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित बंद और आजादी समर्थक रैलियों से सामान्य जनजीवन ठप रहा। इस दौरान विभिन्न जगहों पर हुई हिसक झड़पों में छह पुलिसकर्मियों समेत 20 लोग जख्मी हो गए। लेकिन पहले की अपेक्षा हालात में काफी हद तक सुधार नजर आया।

उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा और श्रीनगर के तीन थाना क्षेत्रों के अलावा वादी में कहीं भी कर्फ्यू नहीं था। सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या दिनभर खूब रही। कई इलाकों में सुबह 11 बजे तक दुकानों के आधे शटर भी खुले रहे। शिक्षण संस्थान बेशक बंद रहे, लेकिन सरकारी कार्यालय खुले थे और कर्मचारियों की उपस्थिति भी बीते दिनों से बेहतर थी।

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