फेसबुक पर वीसी के खिलाफ कमेंट से प्रोफेसर पर गिरी गाज
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति जमीरउद्दीन शाह के खिलाफ फेसबुक पर कमेंट करने वाले इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. सैयद अली नदीम रिजवी पर गाज गिर गई है। कल एग्जिक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की विशेष बैठक में उनको दोषी ठहराते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई।
अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति जमीरउद्दीन शाह के खिलाफ फेसबुक पर कमेंट करने वाले इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. सैयद अली नदीम रिजवी पर गाज गिर गई है। कल एग्जिक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की विशेष बैठक में उनको दोषी ठहराते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई। निलंबन तय माना जा रहा है। डॉ. नदीम रिजवी ने कहा कि फेसबुक पर मैंने अपनी बात रखी थी। ये अधिकार संविधान ने सभी को दिया है। कुलपति ने अपने दफ्तर में बुलाकर मुझे जलील किया। अगर निलंबित किया गया तो मैं कोर्ट जाऊंगा।
इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. सैयद अली नदीम रिजवी ने 12 जुलाई को फेसबुक पर कुलपति के खिलाफ कमेंट डाले थे। पता चलने पर कुलपति ने सोमवार को डॉ. रिजवी को तलब कर फटकार लगाई। साथ ही, मंगलवार को ईसी की विशेष बैठक बुला ली। मंगलवार दोपहर एएमयू में प्रशासनिक भवन के मीटिंग हॉल में हुई ईसी की बैठक में कमेंट करने वाले शिक्षक की निंदा कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति करते हुए वीसी को लिखा गया। इसमें शिक्षक के निलंबन की भी बात कही गई है। यह भी कहा, अगर दोबारा से फेसबुक पर इस तरह के कमेंट किए जाएं तो साइबर एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। ईसी ने टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ से अपील की कि सोशल साइट पर किसी के खिलाफ नफरत की भाषा का इस्तेमाल न करें। ईसी ने कार्रवाई के लिए गेंद वीसी के ही पाले में डाल दी है। पीआरओ डॉ. राहत अबरार ने बताया कि ईसी की बैठक में सभी सदस्यों ने इस कदम की निंदा कर डॉ. रिजवी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की है। इसमें निलंबन तक शामिल है।
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