पठानकोट हमले के साजिशकर्ताओं को ISI ने सेफ हाऊस में रखा
अब साफ हो गया है कि अजहर मसूद को कभी हिरासत में लिया ही नहीं गया, बल्कि उसे आइएसआइ के सेफ हाऊस में रखा गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पठानकोट हमले की साजिश में शामिल आतंकी सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान का झूठ उजागर हो गया है। हमले के बाद पाकिस्तान से जैश ए मोहम्मद के प्रमुख अजहर मसूद को सुरक्षित हिरासत में रखने की बात कही थी। लेकिन अब साफ हो गया है कि अजहर मसूद को कभी हिरासत में लिया ही नहीं गया, बल्कि उसे आइएसआइ के सेफ हाऊस में रखा गया है। यही कारण है कि पाकिस्तान जांच के लिए भारतीय टीम को बुलाने में आनाकानी कर रहा है। वहीं, एनआइए ने अपनी जांच में पिछले पांच बड़े आतंकी हमले के पीछे जैश ए मोहम्मद के हाथ होने का दावा किया है।
दरअसल सुरक्षा एजेंसियों को शुरूआत से ही पठानकोट के हमलावरों के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई पर संदेह था। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के वायदे के बावजूद भारतीय एजेंसियों को यकीन था कि आइएसआइ के संरक्षण में आतंकी की फैक्ट्री चलाने वाले अजहर मसूद के खिलाफ कार्रवाई मुश्किल होगी। शुरू ने पाकिस्तान ने जांच में सहयोग का नाटक यह सोचकर किया कि अजहर मसूद और उसके साथियों के खिलाफ भारत के खिलाफ कोई सबूत नहीं होंगे। लेकिन एनआइए ने जब पाकिस्तान की जांच टीम के सामने सबूत दिखाए तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। इसके बाद से ही पाकिस्तान एनआइए को अपने यहां आने की अनुमति देने में आनाकानी करने लगा था।
सुरक्षा एजेंसियों को मिली ताजा रिपोर्टो के अनुसार बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए आइएसआइ ने अजहर मसूद, उसके भाई अब्दुल रऊफ. कासिफ जान और शहीद लतीफ को अपने सेफ हाऊस में छुपा दिया है। आइएसआइ को संदेह है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इन तक पहुंचने में कामयाब हो सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार आइएसआइ का यह सेफ हाऊस बहावलपुर के मौजगढ़ किले के पास है। हाल ही में एनआइए के कहने पर इंटरपोल ने अजहर मसूद, अब्दुल रऊफ और दो अन्य आतंकियों के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया था।
दूसरी ओर, एनआइए ने पिछले पांच बड़े आतंकी हमले के पीछे जैश ए मोहम्मद का हाथ होने का दावा किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पठानकोट, सांबा, कठुआ, हरीनगर और तंगधार में हुए आतंकी हमले में समानताएं मिली है। इन सभी आतंकी हमले में अफजल गुरू की फांसी का बदला लेने का जिक्र आया है। यही नहीं, इन सभी हमलों में आतंकियों के एक समान हथियार, तार और विस्फोटक का इस्तेमाल किया था।