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प्रियंका का वरुण पर विश्वासघात का आरोप

कांग्रेस उपाध्यक्ष भाई राहुल गांधी के प्रचार के लिए अमेठी पहुंचीं प्रियंका वाड्रा ने मंगलवार को चचेरे छोटे भाई वरुण गांधी पर फिर हमला किया। वरुण पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि जारी लोकसभा चुनाव वस्तुत: विचारों की लड़ाई है। यह कोई पारिवारिक टी पार्टी जैसी चीज नहीं है।

By Edited By: Published: Tue, 15 Apr 2014 01:41 PM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 07:12 AM (IST)
प्रियंका का वरुण पर विश्वासघात का आरोप

अमेठी [जागरण न्यूज नेटवर्क]। कांग्रेस उपाध्यक्ष भाई राहुल गांधी के प्रचार के लिए अमेठी पहुंचीं प्रियंका वाड्रा ने मंगलवार को चचेरे छोटे भाई वरुण गांधी पर फिर हमला किया। वरुण पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि जारी लोकसभा चुनाव वस्तुत: विचारों की लड़ाई है। यह कोई पारिवारिक टी पार्टी जैसी चीज नहीं है।

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जवाब में चुप्पी तोड़ते हुए सुलतानपुर से भाजपा प्रत्याशी वरुण गांधी ने कहा, 'दस वर्षो की राजनीति में हमने कभी शालीनता की लक्ष्मण रेखा नहीं तोड़ी। मर्यादित राजनीति हमारा प्रयास रहा है। दूसरों के सम्मान में ही अपना सम्मान समझते हैं।' उन्होंने पूछा- 'क्या किसी को नीचा दिखाने से कोई ऊंचा हो सकता है?'

इससे पहले अमेठी में वरुण का नाम लिए बगैर प्रियंका ने कहा, 'उन्होंने पिछले चुनाव में भी अपने विचार रखे थे, तब मैं उनसे सहमत नहीं थी। यह हमारे परिवार के साथ विश्वासघात है। मेरे पिता ने देश की एकता के लिए अपनी कुर्बानी दी थी। मैं इसके अपमान की किसी को इजाजत नहीं दे सकती, भले ही वह मेरा बेटा ही क्यों न हो।' अपनी नामजदगी का पर्चा दाखिल करने के बाद वरुण ने एक सभा में कहा, इन दिनों कुछ ऐसी बातें सुनने में आई हैं-जो ठीक नहीं हैं। उन पर मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि मेरी शालीनता और उदारता को कोई कमजोरी न समझे। आजकल मेरे रास्ते की बात हो रही है। मैं सामान्य नौजवान हूं, मेरा रास्ता इतना महत्वपूर्ण नहीं है। मैने मूल्यों और सिद्धांतों की राजनीति की है।

अभी तक के चुनाव अभियान में वरुण ने भाजपा के किसी बड़े नेता का नाम नहीं लिया था लेकिन आज शीर्ष नेताओं के नाम एक साथ गिना डाले। बोले देश को एक मजबूत नेता की आवश्यकता है। उस नेता का नाम है नरेंद्र मोदी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में कहा कि वही हमें राजनीति में लाए हैं, पर आज अस्वस्थ हैं लेकिन मेरे दिल में बराबर रहते हैं।

उन्होंने आडवाणी, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह को भी मार्गदर्शक के रूप में बताया। वरुण ने एक महत्वपूर्ण विषय और कुरेदा। वंशवाद पर उन्होंने जमकर प्रहार किया। बोले मेरे नाम के आगे गांधी लगा है, इस नाते मैं आज मंच पर हूं और आप लोग नारे लगा रहे हैं। यदि ऐसा न होता तो मैं भी नारा लगा रहा होता। मैं चाहता हूं कि राजनीति में सामान्य आदमी की भी भागीदारी हो और सबके लिए रास्ते खुलें। क्षमतावान और मजबूत लोग आगे बढ़ें। उन्होंने यह भी कहा कि अमेठी और रायबरेली न जाकर प्रचार करने की बात कही है, अपनी बात से कभी मुकरेंगे नहीं, क्योंकि वे जुबान के पक्के हैं।

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