अश्विनी के कवच बने मनमोहन, बंसल की विदाई तय
इसी माह 22 मई को संप्रग-2 सरकार की चौथी वर्षगांठ से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने मंत्रिमंडल की आखिरी काट-छांट कर सकते हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से प्रधानमंत्री की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावनाओं को बल मिल गया है। इसमें रिश्वत कांड में फंसे रेल मंत्री पवन बंसल की सरकार से विदाई तय है, लेकिन प्रधानमंत्री अपने चहेते अश्विनी कुमार के पीछे पूरी मजबूती से खड़े हैं। कांग्रेस नेतृत्व की दो टूक के बाद अब प्रधानमंत्री अश्विनी कुमार को कानून मंत्री पद से हटाकर दूस
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। इसी माह 22 मई को संप्रग-2 सरकार की चौथी वर्षगांठ से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने मंत्रिमंडल की आखिरी काट-छांट कर सकते हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से प्रधानमंत्री की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावनाओं को बल मिल गया है। इसमें रिश्वत कांड में फंसे रेल मंत्री पवन बंसल की सरकार से विदाई तय है, लेकिन प्रधानमंत्री अपने चहेते अश्विनी कुमार के पीछे पूरी मजबूती से खड़े हैं। कांग्रेस नेतृत्व की दो टूक के बाद अब प्रधानमंत्री अश्विनी कुमार को कानून मंत्री पद से हटाकर दूसरे मंत्रालय में भेजने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
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गुरुवार देर शाम केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक से भी कुछ ऐसे ही संकेत मिले। इस बैठक से बंसल नदारद रहे, जबकि अश्विनी कुमार शामिल हुए। कांग्रेस नेतृत्व इस बात का पक्षधर है कि दोनों ही मंत्रियों को जाना चाहिए, लेकिन उसने अंतिम फैसला प्रधानमंत्री पर छोड़ा है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] को चिंता है कि अश्विनी कुमार को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद सीधे प्रधानमंत्री निशाने पर आ जाएंगे। आखिरकार, कोयला ब्लाक आवंटन पर तब सवाल उठाए गए जबकि कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के अधीन था। अश्विनी कुमार को हटाने के बाद प्रधानमंत्री को आशंका है कि वह सीधे निशाने पर होंगे।
कांग्रेस नेतृत्व हालांकि मान रहा है कि सीबीआइ के हलफनामे और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद अश्विनी कुमार का रुकना पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस पूरे प्रकरण पर कथित रूप से नाराजगी भी जता चुकी हैं। मगर प्रधानमंत्री का संशय देखते हुए पार्टी ने उनसे इस मसले पर जल्दी कोई कड़ा फैसला करने को कहा है। संकेत हैं कि प्रधानमंत्री इस बात का मन बना रहे हैं कि अश्विनी कुमार का विभाग बदला जाए। इस पर भी अंतिम फैसला होना बाकी है। बंसल की रुखसती में अब कोई शक-शुबहा नहीं बचा है।
राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए गुरुवार को राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री की मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार होगा। कर्नाटक का मुख्यमंत्री तय करने के बाद 22 मई से पहले मंत्रिमंडल की संक्षिप्त कटाई-छंटाई हो जाएगी। इसी दौरान कांग्रेस संगठन का बहुप्रतीक्षित फेरबदल भी होने के प्रबल आसार हैं।
22 मई के बाद सरकार आक्रामक रूप से पूरे देश में चुनावी माहौल में उतर जाएगी। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बंसल के बारे में अपना पुराना बयान दोहराया, सीबीआई जांच कर रही है, उससे पहले कुछ कहना उचित नहीं। अश्विनी कुमार के मुद्दे पर भी तिवारी ने तर्क दिया कि मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने है।
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