खुशखबरीः इस साल ज्यादा नहीं होंगे दाम, खूब खा सकेंगे आम
आम खाने के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। पूरी उम्मीद है कि इस साल वे मन भरकर इसका स्वाद चख सकेंगे। यानी कीमतों के कारण उन्हें मन मसोस कर नहीं रहना होगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र । आम खाने के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। पूरी उम्मीद है कि इस साल वे मन भरकर इसका स्वाद चख सकेंगे। यानी कीमतों के कारण उन्हें मन मसोस कर नहीं रहना होगा। वजह है इसकी भरपूर पैदावार। जून में समाप्त हो रहे फसल वर्ष 2015-16 में आम का उत्पादन करीब 2.1 फीसद ज्यादा रहने का अनुमान है। इस बढ़ोतरी के साथ यह 18.91 लाख टन रह सकता है। इसी पैदावार के भरोसे आशा की जा रही है कि इस साल आम के दाम नियंत्रण में रहेंगे। संसद में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
चढ़े तापमान से फलों के राजा भी परेशान
बीते वर्ष आम का उत्पादन 18.52 लाख टन रहा था। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि चालू वर्ष में अधिक उत्पादन को देखते हुए घरेलू बाजार में आम के दाम महंगे होने के आसार कम हैं। राज्यों से मिली अब तक की जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में आम उत्पादन 2.1 फीसद ज्यादा रहने का अनुमान है। तेलंगाना के अलावा अन्य राज्यों में उत्पादन सामान्य या पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा रहने की उम्मीद है। बेमौसम बारिश और ज्यादा गरमी के चलते तेलंगाना ने उत्पादन में कमी दर्ज की है।
देश में जितना आम पैदा होता है, उसमें करीब आधी हिस्सेदारी आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश की है। दुनिया भर में फलों के राजा की 1300 किस्मों को उगाया जाता है। इसमें से भी करीब एक हजार किस्में भारत में होती हैं। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारतीय आमों का सबसे बड़ा ग्राहक है। देश से निर्यात होने वाले कुल आम में से 50 फीसद तो यूएई में ही जाता है। इसके बाद ब्रिटेन और सऊदी अरब का नंबर है।
देश के लगभग सभी इलाकों में आम होता है। न केवल यह एक स्वादिष्ट फल है, बल्कि इसके तमाम औषधीय गुण भी जगजाहिर हैं। आम के पेड़ के प्राय: सभी अंग काम में आते हैं। औषधीय प्रयोग में विशेषकर इसकी गुठली को लिया जाता है। इसीलिए शायद भारत में यह कहावत भी प्रचलित हुई-आम के आम गुठलियों के दाम। कच्चा आम अचार बनाने के काम में आता है। यह खून को साफ करने के साथ फोड़े-फुंसी दूर करता है। यह शरीर में वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है और रंगत निखारता है।