तुर्की के समुद्र तट पर बच्चे की तस्वीर से तेज हुई बहस
तुर्की के समुद्र तट पर मिले तीन साल के मासूम बच्चे के शव की तस्वीरों ने लोगों में एक तरह का डर पैदा कर दिया है। इस तस्वीर ने एक बार फिर से यूरोप में बढ़ रहे शरणार्थी संकट की तरफ लोगों का ध्यान खींचा है।
लंदन। तुर्की के समुद्र तट पर मिले तीन साल के मासूम बच्चे के शव की तस्वीरों ने लोगों में एक तरह का डर पैदा कर दिया है। इस तस्वीर ने एक बार फिर से यूरोप में बढ़ रहे शरणार्थी संकट की तरफ लोगों का ध्यान खींचा है।
सीरिया के अयलान कुर्दी का शव तुर्की के मुख्य टूरिस्ट रिजॉर्ट के पास समुद्र तट पर औंधे मुंह रेत पर पड़ा हुआ मिला था। सीरियाई बच्चा अपने माता-पिता के साथ एक नाव पर सवार होकर यूरोप जा रहा था जब इनकी नाव समुद्र में पलट गई।
अयलान की तस्वीर बिजली की गति से सोशल मीडिया के जरिए स्पेन से स्वीडन तक फैल गई और अखबार की सुर्खियों में शामिल हो गई। इसके साथ ही समालोचकों ने एक सुर में इस स्थिति की विवेचना युद्ध और संघर्ष के दौरान मध्य पूर्व और अफ्रीका के उन लोगों के हालात से की है जो वहां से भागकर दूसरे देश में शरण लेना चाहते हैं।
कैमरन पर बढ़ा दबाव पड़ा
ब्रिटेन में तस्वीर को लेकर बहस चल पड़ी और प्रधानमंत्री डेविड कैमरन पर और अधिक शरणार्थियों को शरण देने का दबाव पड़ा। कैमरन ने कहा था कि इस समस्या का समाधान अधिक शरणार्थियों को शरण देना नहीं है।
ब्रिटेन के सीरियाई लोगों को शरण देने के पक्ष में है और उसने 216 लोगों को अपने यहां आने की अनुमति दी। सन अखबार ने फोटो से साथ लिखा, 'दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप के समक्ष सबसे बड़े संकट से अब निपटें।' कंजरवेटिव पार्टी के सांसद नदीम जवाही ने कहा, 'तस्वीर हम सभी को शर्मिंदा करता है।सीरिया में हम विफल हुए।' अखबार इंडिपेंडेंट ने अपनी कहा, 'अगर ऐसी सशक्त तस्वीरों के बाद भी ब्रिटेन का शरणार्थी के प्रति रवैया नहीं बदलेगा तो फिर किस चीज से हालात बदलेंगे।' डेली मेल ने इसे मानवीय आपदा का मासूम शिकार कहा।