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1965 के शहीदों को राष्ट्रपति, पीएम व सोनिया ने किया नमन

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध को आज 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। दाेनों देशों के बीच हुए इस युद्ध की गोल्‍डन जुबली का जश्‍न शुक्रवार से लेकर 22 सितंबर तक चलेगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने इंडिया गेट पर स्थित अमर

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2015 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2015 03:16 PM (IST)
1965 के शहीदों को राष्ट्रपति, पीएम व सोनिया ने किया नमन

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध को आज 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। दाेनों देशों के बीच हुए इस युद्ध की गोल्डन जुबली का जश्न शुक्रवार से लेकर 22 सितंबर तक चलेगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। आजादी के बाद वर्ष 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ भी हुआ वह, कई पीढ़ियों को आज भी याद है। दोनों देशों के बीच युद्ध ने दोनों देशों की दिशा और दशा बदलकर रख दी थी।

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इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी है, जो इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि वह उन शहीदों को नमन करते हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इस युद्ध के पचास वर्ष पूरे होने पर उन्होंने आगे लिखा है कि हमारे देश के जवान सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत है।

इस मौके पर उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि 1965 की लड़ाई में प्रधानमंत्री के तौर पर देश को लाल बहादुर शास्त्री ने कमाल की लीडरशीप देखने को मिली थी। यह देश की सबसे बड़ी मजबूती बनी थी।

इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी शहीदों को श्रद्धांजिल अर्पित की है। उन्होंने कहा कि 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान सैनिकों ने जिस साहस व वीरता का परिचय दिया था, उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और रक्षा मंत्री वाईबी चव्हाण के योगदान को भी याद किया।

भारत और पाकिस्तान के बीच यह युद्ध 17 दिनों तक चला। दोनों ही पक्षों को जानमाल का काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तानी सेना को हराया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने लाहौर तक मोर्चा खोल दिया था। युद्ध में भारतीय जल सेना ने भी अपना जौहर दिखाया था। जहां एक ओर जमीन पर भारतीय थल सेना ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था वहीं दूसरी ओर भारतीय नौसेना ने भी पाकिस्तान के जंगी जहाजों को बाहर ही नहीं निकलने दिया था।

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