कार्ड से पेमेंट लेने वाले व्यापारियों को राहत देने की तैयारी
RBI ने डेबिट कार्ड से लेन-देन पर एमडीआर शुल्क घटाने के प्रस्ताव के साथ-साथ बैंकों को पीओएस मशीनों पर मासिक किराया भी कम करने को कहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद कार्ड से लेन-देन को प्रोत्साहित करने में जुटी सरकार और रिजर्व बैंक अब छोटे व्यापारियों को राहत दे सकते हैं। आरबीआइ ने डेबिट कार्ड से लेन-देन पर एमडीआर (मर्चेट डिस्काउंट रेट) शुल्क घटाने के प्रस्ताव के साथ-साथ बैंकों को पीओएस मशीनों पर मासिक किराया भी कम करने को कहा है। ऐसा होने पर उन व्यापारियों को फायदा होगा जिनका कार्ड के माध्यम से लेन-देन कम होने के वजह से पीओएस मशीनें लगाना महंगा पड़ता है। माना जा रहा है कि आरबीआइ इस संबंध में आगे कदम उठा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक आरबीआइ ने कार्ड नेटवर्को को भी नेटवर्क फीस को उपयुक्त तरीके से संशोधित करने को कहा है। आरबीआइ का कहना है कि फिलहाल जो फ्लैट चार्ज लगाने की व्यवस्था है, उसे बदलकर प्रतिशत आधार पर चार्ज लेना चाहिए। आरबीआइ ने बैंकों को व्यापारियों से मासिक किराए को भी तर्कसंगत बनाने बनाने को कहा है।
यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट में पांच नए जजों ने ली शपथ, 3 पद अब भी खाली
फिलहाल देश में पीओएस मशीनें लगाने और उसके रखरखाव की लागत काफी अधिक है जिसके चलते छोटे कारोबारी कार्ड से लेन-देन स्वीकारने की व्यवस्था करने से कतराते हैं। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में पीओएस मशीनों की सर्विसिंग भी एक समस्या है। ऐसे में यह जरूरी है कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड से लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए पीओएस मशीनों की संख्या बढ़ाना जरूरी है। यही वजह है कि नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार ने 8 दिसंबर 2016 को ग्रामीण क्षेत्रों में पीओएस मशीनों की संख्या बढ़ाने का ऐलान किया था।
यह भी पढ़ें- डेबिट कार्ड से लेन-देन होगा सस्ता, नहीं लगेगा 0.95% से अधिक MDR चार्ज
सरकार ने 10 हजार से कम आबादी वाले एक लाख गांवों में दो-दो पीओएस मशीनें लगाने का ऐलान किया था। ये मशीनें नाबार्ड की मदद से सहकारी समितियों, कृषि इनपुट डीलरों और दुग्ध समितियों को दी जाएंगी। फिलहाल देश में करीब 13 लाख पीओएस मशीनें हैं। दरअसल कई बैंकों के पीओएस मशीनों के मासिक किराए काफी अधिक हैं।
यह भी पढ़ें- 2000 रुपए के नए नोट के बारे में अब हो गया यह बड़ा खुलासा, जानिए
मसलन साउथ इंडियन बैंक पीओएस मशीन पर कम से कम एक हजार रुपये मासिक किराया लेता है। हालांकि पीओएस से जुड़े चालू खाते में अगर पांच लाख से अधिक राशि रहती है तो यह माफ कर दिया जाता है। वहीं निर्धारित राशि के लेन-देन न होने पर 250 रुपये कमिटमेंट चार्ज लिया जाता है। इसके अलावा डेबिट और क्रेडिट कार्ड से लेन-देन पर अच्छा खासा शुल्क भी वसूला जाता है। यही वजह है कि सरकार और आरबीआइ कार्ड से लेन-देन के लिए जरूरी सुविधाओं को सस्ता बनाने में जुटे हैं।