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डेंगू से निपटने की तैयारी शुरू, मानसून के पहले तैयार होगा देश का डेंगू मैप

पिछले छह वर्षों के दौरान डेंगू के मरीजों में पांच गुना वृद्धि हुई है और इससे मरने वालों की संख्या दोगुनी हुई है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 02:20 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 05:56 AM (IST)
डेंगू से निपटने की तैयारी शुरू, मानसून के पहले तैयार होगा देश का डेंगू मैप
डेंगू से निपटने की तैयारी शुरू, मानसून के पहले तैयार होगा देश का डेंगू मैप

नीलू रंजन, नई दिल्ली। मानसून शुरु होने के पहले ही मोदी सरकार डेंगू से निपटने की तैयारियों में जुट गई है। इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) देश का डेंगू मैप बनाने की तैयारी में जुट गया है। एक बार मैप बन जाने के बाद साफ हो जाएगा कि पिछले कुछ सालों में देश के किन-किन इलाकों में डेंगू का प्रकोप कितना रहा है और उससे निपटने के लिए कितने संसाधन की जरूरत होगी।

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दरअसल पिछले छह साल में डेंगू से प्रभावित लोगों की संख्या में लगभग पांच गुना बढ़ोतरी हुई है। 2010 में जहां पूरे देश में 28292 लोग डेंगू से प्रभावित हुए थे और इससे 110 लोगों की मौत हो गई थी। वहां 2016 में प्रभावित मरीजों की संख्या एक लाख 11 हजार 880 पहुंच गई और कुल 227 लोगों की मौत हो गई। इनमें 2014 से 2015 के अकेले एक साल में डेंगू के मरीजों की संख्या में ढाई गुना से अधिक बढ़ गई थी। 2014 में जहां केवल 40571 डेंगू के मरीज थे, वहीं 2015 में इनकी संख्या बढ़कर 99913 हो गई। आइसीएमआर की महानिदेशक सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार मानसून के बाद डेंगू का प्रकोप एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है और इससे निपटने के लिए समुचित तैयारी जरूरी है।

हर साल डेंगू के बढ़ते प्रकोप और अंतिम समय में उससे निपटने के प्रयासों की विफलता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले से ही इसकी तैयारियों में जुट गया है। इसके लिए आइसीएमआर को पूरे देश का डेंगू मैप तैयार करने को कहा गया है। इस मैप से यह साफ हो जाएगा कि किन-किन राज्यों के किन-किन शहरों के किन-किन इलाकों में डेंगू की समस्या कितनी विकराल है। इसी के आधार पर इन इलाकों में डेंगू के मच्छरों को पैदा से रोकने के लिए जरूरी जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।

जिन इलाकों में डेंगू की समस्या ज्यादा गंभीर है, वहां स्थानीय निकायों, स्कूलों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से घरों और उसके आसपास के पानी जमने के स्थानों पर लगातार निगरानी की व्यवस्था की जा सकती है। इसके साथ ही ऐसे इलाकों में अस्पतालों में डेंगू की जांच और उसके इलाज के लिए जरूरी दवाइयों, खून और प्लाज्मा की आपूर्ति की व्यवस्था की जा सकती है। सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार जून में डेंगू मैप तैयार करने का काम पूरा कर लिया जाएगा और उसके अनुरूप केंद्र, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को तैयारी करने के निर्देश जारी कर दिये जाएंगे।

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