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प्रीति ने चलाई चेन्नई की पहली मेट्रो ट्रेन

मेट्रो ट्रेन शहरों की कतार में सोमवार को चेन्नई भी शामिल हो गया। खास यह रहा कि शहर की पहली मेट्रो ट्रेन चलाने का सेहरा 28 वर्षीया महिला ड्राइवर ए प्रीति के सिर बंधा। यह भी संयोग था कि मेट्रो को हरी झंडी दिखाने वाली भी महिला (तमिलनाडु की मुख्यमंत्री

By Manoj YadavEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 08:04 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 08:23 PM (IST)
प्रीति ने चलाई चेन्नई की पहली मेट्रो ट्रेन

चेन्नई। मेट्रो ट्रेन शहरों की कतार में सोमवार को चेन्नई भी शामिल हो गया। खास यह रहा कि शहर की पहली मेट्रो ट्रेन चलाने का सेहरा 28 वर्षीया महिला ड्राइवर ए प्रीति के सिर बंधा। यह भी संयोग था कि मेट्रो को हरी झंडी दिखाने वाली भी महिला (तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता) ही थीं।

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जयललिता ने चेन्नई स्थित प्रदेश सचिवालय से लाइव वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ट्रेन को 12:15 बजे अलंदुर से रवाना किया। अलंदुर से कोयम्बेदु के बीच 10.15 किमी तक चली इस ट्रेन की ड्राइवर पॉलीटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा प्राप्त करने वाली प्रीति थीं।

बेटी की कामयाबी पर पिता खुश

प्रीति के पिता आर अंबू इस मौके पर काफी भावुक दिखे। उन्होंने बताया, 'मुझे बहुत खुशी हो रही है। मेरी बेटी का मेट्रो ड्राइवर बनने का सपना आज पूरा हो रहा है। इसके लिए उसने बहुत प्रयास किए। अपनी पहली नौकरी छोड़ी, चेन्नई मेट्रो रेल में आवेदन किया और आज वह चेन्नई मेट्रो की पहली महिला ड्राइवर है।' उन्होंने कहा, प्रीति के बाद तीन और लड़कियों ने ड्राइवर बनने के लिए चेन्नई मेट्रो ज्वाइन किया। मुझे बहुत खुशी है कि मेरी बेटी सफल रही।' मेट्रो का ड्राइवर बनने के लिए प्रीति ने करीब डेढ़ साल तक चेन्नई और दिल्ली में प्रशिक्षण लिया।

द्रमुक ने किया स्वागत, खुद को दिया श्रेय

चेन्नई में मेट्रो ट्रेन चलने का द्रमुक ने स्वागत किया है। हालांकि इसका श्रेय उसने खुद को दिया है। पार्टी के कोषाध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि परियोजना की शुरुआत द्रमुक सरकार के कार्यकाल में ही हुई थी। आखिरकार चेन्नई के निवासियों का लंबे समय से चला आ रहा इंतजार खत्म हुआ।

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चेन्नई मेट्रो परियोजना पर एक नजर

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लंबाई : 45 किलोमीटर

लागत : 14,600 करोड़ रुपये

रूट : वान्नारपेट से एयरपोर्ट सेक्शन (23.085 किमी) और चेन्नई सेंट्रल से सेंट थॉमस माउंट (21.96 किमी)

केंद्र की हिस्सेदारी : 15 फीसद अंशपूंजी और 5 प्रतिशत कर्ज के रूप में।

राज्य की जिम्मेदारी : 15 फीसद अंशपूंजी और 5.78 प्रतिशत कर्ज के रूप में।

शेष सहयोग जापान का

-59.22 प्रतिशत राशि जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआइसीए) ने कर्ज के रूप में देगी।

कब-कब कितना खर्च

-2007-08 के दौरान परियोजना पर 1143.31 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

-2011 से अब तक 9608.63 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

-अब तक व्यय हो चुके हैं कुल 10751.94 करोड़ रुपये।

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