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आसाराम के साधकों ने ही प्रजापति व अखिल को मारा

कथावाचक आसाराम बापू के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले वैद्य अमृत प्रजापति और अखिल गुप्ता की हत्या उनके आश्रम के साधकों ने ही की थी। साधकों ने इसके लिए एक गिरोह बना लिया था। उन्होंने हथियारों की खरीदी भी की थी। कहा जाए तो अहमदाबाद स्थित आसाराम का आश्रम एक

By Sudhir JhaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2015 07:57 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2015 09:22 PM (IST)
आसाराम के साधकों ने ही प्रजापति व अखिल को मारा

अहमदाबाद, नई दुनिया ब्यूरो। कथावाचक आसाराम बापू के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले वैद्य अमृत प्रजापति और अखिल गुप्ता की हत्या उनके आश्रम के साधकों ने ही की थी। साधकों ने इसके लिए एक गिरोह बना लिया था। उन्होंने हथियारों की खरीदी भी की थी। कहा जाए तो अहमदाबाद स्थित आसाराम का आश्रम एक तरह से अपराधियों का अड्डा बन गया था।

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आसाराम और उनके पुत्र नारायण साई पर चल रहे दुष्कर्म के मुकदमों में गवाहों पर हमला करने के आरोप में बेंगलुरु से गिरफ्तार मास्टरमाइंड महिला साधक इंजीनियर सेजल प्रजापति एवं उसके पति बासव राज अवन्ना तल्लोई से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। गुजरात पुलिस के क्राइम ब्रांच के अनुसार साधक ही हत्यारे बन गए थे। आश्रम के ही साधक सूरज और कार्तिक ने गोली मार कर 23 मई, 2014 को अमृत प्रजापति और 11 जनवरी 2014 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर मे अखिल गुप्ता की हत्या की थी। इन्होंने एक अन्य गवाह राहुल सचान पर भी हमला किया था।

सूरज और कार्तिक की तलाश

इस सच्चाई के उजागर होने के बाद क्राइम ब्रांच ने अब सूरज और कार्तिक की तलाश शुरू कर दी है। मुजफ्फरनगर और राजकोट पुलिस ने भी बेंगलुरु से गिरफ्तार साधक दंपति से पूछताछ करने के लिए ट्रांसफर वारंट हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खबर है कि जोधपुर और पानीपत की पुलिस भी इन दोनों से पूछताछ करेगी। इस गिरोह का मुख्य निशाना जोधपुर के राहुल सचान, महेंद्र चावला और सतीश वाधवानी थे। किरपाल सिंह की हत्या में भी इन्हीं साधक का हाथ होने की शंका के आधार पर पूछताछ शुरू की गई है।

फंड के लिए साधकों ने चोरिंया भी कीं

क्राइम ब्रांच के उपायुक्त दीपेन बधरान के अनुसार बेंगल़ुरु से गिरफ्तार साधक सेजल और बासव ने राहुल सचान, महेंद्र चावला और सतीश वाधवानी को मारने के लिए एक करोड़ रुपये का फंड एकत्र करने के वास्ते चार चोरियां भी की थीं। दोनों निकट भविष्य में लूट की योजना भी बना रहे थे। पूछताछ से जानकारी मिली है कि बासव लाजपुर जेल में नारायण साई का टिफिन ले जाने वाले के संपर्क में था। इसलिए बहुत संभव है कि नारायण साई के इशारे पर ही अहम गवाहों की हत्या हुई होगी। अब इस आधार पर पूछताछ की जाएगी।

हथियार चलाने की ट्रेनिंग

अपराध शाखा के एसपी सीएन राजपूत ने बताया कि सूरज और कार्तिक बासव के साथ अहमदाबाद के आसाराम आश्रम में रहते थे। इन्होंने गवाहों पर हमला करने के लिए एक गिरोह बनाया था। इसमें उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के संजय नामक साधक से संपर्क कर रिवॉल्वर खरीदे थे। हालांकि कार्तिक, सूरज सहित साधकों को रिवॉल्वर चलाने नहीं आती थी। इन्हें संजय ने ही हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी।

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