गरीब महिलाओं को प्रशिक्षित कर बना रहीं आत्मनिर्भर
सीतामढ़ी निवासी नीतू रानी 17 वर्षों से महिलाओं को मधुबनी र्पेंंटग, सिलाई आदि का दे रहीं प्रशिक्षण...
सीतामढ़ी (ब्युरो)। नीतू आंटी! आसपास के इलाकों में वे इसी नाम से ख्यात हैं। संसाधनहीन महिलाओं और गरीब युवतियों को निश्शुल्क प्रशिक्षित कर स्वावलंबी बनने में मदद करने वाली सीतामढ़ी के डुमरा स्थित अमघट्टा रोड निवासी नीतू रानी विगत 17 वर्षों से इस काम में लगी हैं। वे काम सिखाने के साथ-साथ महिलाओं को व्यवसाय के गुर भी बताती हैं। जिससे स्वरोजगार में उन्हें मदद मिलती है। उनकी मेहनत का ही परिणाम है कि कई जरूरतमंद महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।
नीतू अब तक दो हजार से अधिक गरीब महिलाओं और युवतियों को मधुबनी र्पेंंटग, वॉल र्पेंंटग, सिलाई, काशीदाकारी, हैंडीक्राफ्ट, बैग निर्माण, मेहंदी रचाना तथा स्र्केंचग आदि का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। उनके इस कार्य के लिए कई संस्थाओं ने उन्हें सम्मानित भी किया है। नीतू ने शादी से पहले दरभंगा में मधुबनी पेंटिंग, वॉल पेंटिंग, सिलाई, काशीदाकारी, हैंडीक्राफ्ट, बैग निर्माण, मेहंदी रचाना, स्र्केंचग आदि की ट्रेनिंग ली थी।
1995 में शादी होने के बाद ससुराल वालों ने उनकी इस कला को सराहा और इसके जरिए जरूरतमंदों की मदद करने को प्रोत्साहित किया। इसके बाद नीतू ने अमघट्टा रोड में ही किराए के मकान में अपनी बेटी के नाम पर प्रियसी कला केंद्र शुरू किया। इनकी कौशल की सराहना देश-विदेश में होती है। जालंधर, उत्तर प्रदेश, पटना, रांची के कुछ व्यापारी इनसे ऑनलाइन कशीदा और र्पेंटग ऑर्डर कर मंगाते हैं। वे इसे अमेरिका और यूरोपीय देशों में बेचते हैं।
परिवार चलाने में मदद : नीतू से प्रशिक्षित आजमगढ़ी निवासी अल्का कहती हैं कि मैंने सिलाई का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद अपना काम शुरू किया है। इससे होने वाली आय से मैं परिवार चलाने में अपना योगदान देती हूं।
-अमित सौरभ
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