आतिशबाजी से 24 गुना बढ़ा प्रदूषण का स्तर, दिल्ली की हवा हुई खतरनाक
शुक्रवार सुबह 6 बजे दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर प्रदूषण का स्तर अपने सामान्य स्तर से कहीं अधिक पाया गया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तकरीबन दरकिनार करते हुए दिल्ली-एनसीआर में लोगों ने जमकर पटाखे खरीदे और दिवाली पर फोड़े भी। वहीं, दिवाली की रात हुई जमकर आतिशबाजी के चलते दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने शुक्रवार सुबह असर दिखाना भी शुरू कर दिया है।
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जहां एक ओर आसमान में धुएं की हल्की परत छाई है वहीं, दिवाली पर आतिशबाजी के चलते 24 गुना तक प्रदूषण बढ़ गया है। हालांकि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का मानना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर कम रहा।
Delhi's air quality this Diwali is better, says CPCB
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दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (DPCC) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिवाली की रात हुई आतिशबाजी से दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। शुक्रवार सुबह 6 बजे दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर प्रदूषण का स्तर अपने सामान्य स्तर से कहीं पाया गया है। कई स्थानों पर तो प्रदूषण का स्तर 24 गुना से भी ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है।
1. दिल्ली में शुक्रवार की सुबह पीएम 2.5 का स्तर पीएम 10 से कहीं ज्यादा बढ़ा हुआ है।
2. विजय चौक पर आसमान में धुएं का गुबार नजर आया है।
3. आरके पुरम इलाके में हवा में प्रदूषण का स्तर अधिक पाया गया।
Delhi’s RK Puram at 978(Hazardous) on Air Quality Index #AQI pic.twitter.com/nYNGFcginM— ANI (@ANI) October 20, 2017
4. इंडिया गेट पर सुबह 6 बजे पीएम 2.5 की मात्रा 911 माइक्रोन है, यह 10 गुना ज्यादा है।
Delhi: Morning visuals of India Gate #smog pic.twitter.com/6mPrCZJJzM— ANI (@ANI) October 20, 2017
5. आरके पुरम जैसे पॉश इलाके में पीएम 2.5 की मात्रा 776 माइक्रोन तक है जो कि सामान्य से तकरीबन 13 गुना ज्यादा है।
6. आनंद विहार इलाके में पीएम 2.5 कणों की मात्रा 617 माइक्रोन है जो सामान्य से 10 गुना अधिक है।
7. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी आसमान में हल्के काले धुएं का गुबार नजर आ रहा है।
Visuals of #Smog from Ghaziabad pic.twitter.com/jJyNYQuWi2— ANI UP (@ANINewsUP) October 20, 2017
जानें क्या होता है पीएम का स्तर
पीएम 2.5 वह महीन कण हैं जो हमारे फेफड़े के आखिरी सिरे तक पहुंच जाते हैं और कैंसर की वजह भी बन सकते हैं। पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है। इससे छोटे कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या कम होता है। यह कण ठोस या तरल रूप में वातावरण में होते हैं। इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल हैं।