भारत में सूखे के लिए यूरोप था जिम्मेदार, जानिए ये थी बड़ी वजह
लंदन के इंपीरियल कॉलेज के शाेधकर्ताओं की एक स्टडी में पता चला है कि वर्ष 2000 में भारत में सूखे के लिए यूरोप जिम्मेदार था।
लंदन (पीटीआई)। वर्ष 2000 में भारत में सूखे के लिए यूरोप जिम्मेदार था। यूरोप के वायु प्रदूषण के कारण भारत में सूखा पड़ा था जिसमें करीब 1 करोड़ 30 लाख लोग प्रभावित हुए थे। लंदन के इंपीरियल कॉलेज के शाेधकर्ताओं की एक स्टडी में यह बात सामने आई है।
शोधकर्ताओं ने वर्ष 2000 में भारत में हुई बारिश पर सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन के प्रभाव की गणना की है। उन्होंने पाया कि उत्तरी गोलार्ध मुख्य औद्योगिक क्षेत्रों के उत्सर्जन के कारण भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में 40 फीसद तक बारिश कम हुई थी। यूरोप के उत्सर्जन के कारण दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में भी 10 फीसद बारिश में कमी आई थी।
सल्फर डाइऑक्साइड से होते हैं हृदय व फेफड़ों के रोग
शोधकर्ताओं का कहना है कि सल्फर डाइऑक्साइड का उत्सर्जन मुख्य तौर पर कोयले से चलने वाले पावर प्लांट से होता है। इससे अमलीय बारिश, हृदय और फेफड़ों के रोग, पोधों के विकास का रुकना जैसे कई भयानक प्रभाव पड़ते हैं। सल्फर के कारण वातावरण में ठंड का प्रभाव बढ़ जाता है चूंकि इसके छोटे-छोटे कण और पानी की बूंदें सूरज की किरणों को रोक देते हैं। उत्तरी गोलार्ध के उत्सर्जन के कारण दक्षिण में भी गर्मी पर असर पड़ सकता है और का समय बदल सकता है जिसके परिणाम और भी खराब होंगे।
अमेरिका पर भी दिखेगा इसका असर
आईसीएल के ग्रैंथम संस्थान के अपोस्टोलोस वाउलागार्की का कहना है कि स्टडी हमें बताती है कि कैसे दुनिया के एक हिस्से में हुए उत्सर्जन का दूसरे पर गहरा असर पड़ता है। एशिया के नजदीक होने के कारण इस पर प्रभाव अधिक है लेकिन इसका असर यूरोप और अमेरिका तक भी है।
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