असलहों के मसले पर गरमाती रही राजनीति
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अमित शाह रविवार को वाराणसी में थे। पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठकें भी हुई मगर इस दौरान वह कुछ भी बोलने से बचते रहे। मीडिया ने विभिन्न मसलों पर उनसे बात करनी चाही मगर उन्होंने मना कर दिया। शनिवार को कांग्रेस प्रत्याशी पर हमलावर रहे अमित शाह रि
वाराणसी [जासं]। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अमित शाह रविवार को वाराणसी में थे। पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठकें भी हुई मगर इस दौरान वह कुछ भी बोलने से बचते रहे। मीडिया ने विभिन्न मसलों पर उनसे बात करनी चाही मगर उन्होंने मना कर दिया। शनिवार को कांग्रेस प्रत्याशी पर हमलावर रहे अमित शाह रविवार को स्वयं तो कुछ न बोले मगर उनकी ओर से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने अजय राय प्रकरण में पार्टी की बात रखी। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय व झारखंड के मंत्री कृष्णानंद ने भाजपा पर जमकर हमला बोला और अवसरवादिता की राजनीति का आरोप लगाया।
यह मेरे चरित्र हनन का प्रयास है : कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि नामांकन के दिन कांग्रेस समर्थकों की भारी भीड़ देख भाजपा के होश उड़ गए। इससे घबराई पार्टी ने उसी दिन ऐसे इल्जाम लगाए जिससे मेरा कोई वास्ता ही नहीं। मेरे पास शक्ति जरूर है मगर वह जन शक्ति है। दूसरी बात, जिन दिनों का हवाला देकर मुझपर इल्जाम है, उन दिनों मैं भाजपा में ही था और यह भाजपा ही थी जो मुझे साधु, कर्मठ और ईमानदार कार्यकर्ता के रूप में प्रस्तुत कर रही थी। बिहार में तब भाजपा की सरकार थी और आडवाणी गृहमंत्री थे। तब क्यों न कराई मेरी जांच। भाजपा अपनी खीझ मिटा रही है। उन्होंने कहा कि मैं इसकी किसी भी संस्था द्वारा किसी भी स्तर की जांच कराने की मांग करता हूं।
यह है भाजपा का दोहरा चरित्र : झारखंड के ग्रामीण विकास व नियोजन मंत्री कृष्णानंद त्रिपाठी ने कहा कि अजय राय आज कांग्रेस में हैं तो भाजपा की नजर में दागी हो गए, उनके पास असलहे भी हो गए और उनकी जांच कराए जाने की मांग भी उठने लगी। सवाल यह है कि जब यही अजय राय भाजपा में थे तो पार्टी चुप क्यों थी। दरअसल भाजपा का यही दोहरा चरित्र है।
बहस का नहीं, कार्रवाई का मुद्दा
कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के खिलाफ बिहार के पूर्व डीजीपी की रिपोर्ट गंभीर व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। अजय राय ने इस मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी है मगर यह मुद्दा खुली बहस का नहीं है। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी को न सिर्फ जनता के समक्ष स्पष्टीकरण देना चाहिए बल्कि ठोस कार्रवाई भी करनी चाहिए।-नलिन कोहली, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा