लीबिया से भारतीयों को छुड़ाने का श्रेय लेने में जुटी केंद्र और केरल सरकार
लीबिया से सुरक्षित छुड़ाए गए 29 भारतीयों को लेकर भी अब सियासत शुरू हो गई है। केरल और केंद्र सरकार इसको लेकर श्रेय लेने की होड़ में लगे हैं।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। केरल में चुनावी जंग के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री ओमन चांडी के बीच लीबिया में 29 भारतीयों को छुड़ाने का श्रेय लेने की होड़ दिखी। ये सभी बृहस्पतिवार को सुबह दस बजे भारत लौट आए। इनमें 11 बच्चे भी शामिल थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को चुनावी रैली में कहा था कि उनकी सरकार ने लीबिया में 29 भारतीय नागरिकों को छुड़ा लिया है। वे 12 मई को स्वदेश लौटेंगे। इसके बाद ही यह मुद्दा राजनीतिक जंग में बदल गया। इसे लेकर चांडी और सुषमा के बीच तीखी बहस हुई। हालांकि सुषमा ने कई ट्वीट कर चांडी को बैकफुट पर ला दिया।
सुषमा ने ट्वीट किया, 'श्रीमान चांडी- हमने हजारों भारतीयों को इराक, लीबिया और यमन से निकाला। हमें किसने पैसा दिया?' दूसरे ट्वीट में लिखा, 'आपने कहा कि केरल ने 29 भारतीयों को लीबिया से सुरक्षित निकालने का भुगतान किया।' तीसरे में कहा, 'बहस आपने शुरू की। मैंने नहीं। हमने हमेशा ऐसा किया, क्योंकि हमारे नागरिकों के प्रति यह हमारा कर्तव्य है।'
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'नहीं मिली मदद'
इससे पहले, स्वदेश लौटीं अधिकतर नर्सो ने यहां हवाई अड्डे पर आरोप लगाया कि विदेश मंत्रालय और मुख्यमंत्री के कार्यालय के लगातार संपर्क में होने के बावजूद उन्हें मदद नहीं मिली। एक नर्स ने कहा, 'टिकट खरीदने के लिए हमें नौ लाख रुपये देने पड़े।' दूसरी ने बताया, 'पिछले एक महीने से हमारी जिंदगी नरक बन चुकी थी। वहां खाना और दवाई तक नहीं मिल रही थी।'
लौटाई जाएगी राशि : कन्नन
अनिवासी केरलवासियों के विभाग के सीईओ आरएस कन्नन ने कहा, टिकट खरीदने में खर्च की गई राशि उन्हें वापस कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि छुड़ाए गए भारतीय त्रिपोली से इस्तांबुल पहुंचे, वहां से दुबई और कोच्चि के लिए रवाना हुए।
लगातार संपर्क में थे:
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि भारतीय दूतावास प्रशासन के लगातार संपर्क में था। दूतावास के हस्तक्षेप के कारण ही भारतीयों को उनके वेतन और वीजा जारी हुए हैं।