बिहार की राजनीति में अगले तीन दिन महत्वपूर्ण, तेजस्वी के सवाल पर बवाल बढ़ना तय
बिहार में महागठबंधन की राजनीति पूरे उबाल पर है। तेजस्वी मामले में राजद व जदयू अपने स्टैंड पर अड़े हैं। इसे लेकर अगले तीन दिन बेहद अहम हैं।
पटना [अरविंद शर्मा]। बिहार की सियासत के लिए अगले तीन दिन काफी महत्वपूर्ण हैं। 28 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र की तल्खी अभी से दिखने लगी है। महागठबंधन के दोनों खेमों में शब्दों का अनुशासन भंग हो गया है। अनुनय-विनय से आगे बढ़कर अडऩे-अकडऩे की होड़ है। हालात बता रहे हैं कि सदन में साथ बैठने के दिन जैसे-जैसे करीब आएंगे, तेजस्वी यादव की बेगुनाही के सवाल पर बवाल बढऩा तय है।
मानसून सत्र की शुरुआत तीन दिन बाद शुक्रवार से होगी। जदयू को अपने शीर्ष नेतृत्व की राजनीतिक पहचान और शुचिता प्यारी है तो राजद को अपने नए नेता के भविष्य की चिंता है। यही कारण है कि जदयू के प्रवक्ताओं की टीम तेजस्वी से सत्र से पहले तथ्यात्मक सफाई की मांग कर रही है, जबकि राजद ने इसके लिए 27 अगस्त की रैली का दिन मुकर्रर कर दिया है।
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दोनों खेमा अपने-अपने स्टैंड पर अड़ा है। बड़े नेता चुप हैं। छोटे-मंझोले बेलगाम। संवादहीनता से दरार बढ़ रही है। बीच का रास्ता नजर नहीं आ रहा। शरद यादव और शिवानंंद तिवारी ने भी एक बार सुलह की अपील करके औपचारिकता पूरी कर ली है।
अब तो राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे वरिष्ठ नेता ने भी अपनी ही सरकार के मुखिया पर गंभीर आरोप मढ़ा है। वह पहले से भी चुप नहीं थे, किंतु सोमवार का उनका बयान तुलनात्मक रूप से ज्यादा तल्ख है। महज एक दिन पहले आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने भी अनुशासन के पार जाकर सीबीआइ पर गुस्सा उतारा था। इसे तेजस्वी पर जदयू के बढ़ते हमले की प्रतिक्रिया माना जा रहा है।
राजद नेताओं के बयान पर जदयू नेताओं ने भी उसी भाषा में प्रतिक्रिया दी है। जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने विनाशकाले विपरीत बुद्धि बताया है। जदयू के एक और प्रवक्ता संजय सिंह ने रघुवंश को राजनीतिक बेरोजगार एवं मानसिक रूप से बीमार करार दिया है।
तेजस्वी के लौटते ही बढ़ेगी तल्खी
केंद्रीय एजेंसियों के घेरे की कानूनी काट तलाशने के लिए पिछले पांच दिनों से दिल्ली में जमे तेजस्वी यादव भी सत्र से पहले पटना लौट आएंगे। उनके आने के बाद जदयू प्रवक्ताओं के हमले और तेज हो सकते हैं। गांधी मैदान की रैली में तथ्यात्मक सफाई देने पर अड़े राजद की दुविधा को जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने यह कहकर बढ़ा दिया है कि इतना लंबा इंतजार नहीं किया जा सकता।