हिंसा से हमें दबाने की सोच है तो माकपा गलतफहमी में है: शाह
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार बिना किसी भेदभाव के विकास की राजनीति करती है।
नीलू रंजन, तिरुवनंतपुरम। पंद्रह दिन पहले मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के क्षेत्र से जनरक्षा यात्रा की शुरूआत से लेकर तिरुवनंतपुरम में समापन तक भाजपा यह संदेश देने में सफल रही है कि वह अब पूरी लड़ाई के लिए कमर कस चुकी है। समापन पर पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा और संघ नेताओं की हत्या के लिए सीधे सीधे विजयन को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा- 'हमसे लड़ना है तो विकास और विचारधारा के मुद्दे पर आइए. अगर यह समझे बैठे हैं कि हिंसा से हमें दबाया जा सकता है तो यह आपकी गलतफहमी है।' उन्होंने पदयात्रा के दौरान मिले जनसमर्थन को शाह ने माकपा के अंत का संकेत करार दिया।
वामपंथ के अंतिम गढ़ में जहां दो साल पहले तक भाजपा का एक भी विधायक नहीं था, मंगलवार को हज़ारों की संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा निकाल कर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने दिखा दिया कि केरल में माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ़ के सामने भाजपा के नेतृत्व में एनडीए का विकल्प खड़ा किया जा सकता है। पदयात्रा से भाजपा को कितना राजनीतिक लाभ होता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर वह वामपंथी हिंसा का सामना कर रहे अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों में नया उत्साह भरने में सफल रही। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने ऐलान किया कि भाजपा और संघ के कार्यकरतार् की हत्या करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और आरोपियों को सजा सुनिश्चित कराने के लिए पार्टी कोई कसर नहीं करेगी।
शाह ने कहा कि माकपा के सत्ता में आने के बाद अब तक 13 भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है और सबसे अधिक हत्याएं विजयन के गृह जिले में हुई है। विजयन इन हत्यों की नैतिक जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। उन्होंने माकपा के दिल्ली कार्यालय के सामने भाजपा के हर दिन हो रहे प्रदर्शन पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के सवाल का जवाब भी दिया। उनका कहना था कि भाजपा के कार्यकर्ता को सीपीएम दफ्तर के आगे लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन माकपा के कार्यकर्ता तो संघ और भाजपा के दफ्तरों में बम फेंकते है और उनमें आग लगाते हैं। ऐसे में सीताराम येचुरी को भाजपा के खिलाफ बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
अमित शाह ने बताया कि किस तरह माकपा समर्थित यूपीए सरकार के दौरान केरल को मिली केंद्रीय सहायता की तुलना में मोदी सरकार के दौरान लगभग 89 हजार करो़ड रुपये की अधिक सहायता दी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिना किसी भेदभाव के विकास की राजनीति करती है। शाह ने कहा कि भाजपा की पदयात्रा के बाद माकपा और विजयन डर गए हैं और कांग्रेस के साथ सांठगांठ करने में जुटे हैं।
यही कारण है कि इसके पहले यूडीएफ की सरकार के दौरान एक कांग्रेसी मंत्री पर लगे भ्रष्टाचारों के आरोपों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि इस मामले में जांच रिपोर्ट भी आ चुकी है। शाह का माकपा और कांग्रेस दोनों को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और परिवारवाद की राजनीति के कारण कांग्रेस का पूरे देश में सफाया हो रहा है और वही हाल हिंसा की राजनीति करने वाले माकपा का केरल और त्रिपुरा में होगा।
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