पढ़िए, आम बजट किसे भाया, किसने की आलोचना
नरेंद्र मोदी की सरकार ने आज अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया। राजग सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में इसे रखा। इस बजट पर राजनीतिक दलों के प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह प्रगतिशील, सकारात्मक और
नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी की सरकार ने आज अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया। राजग सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में इसे रखा। इस बजट पर राजनीतिक दलों के प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह प्रगतिशील, सकारात्मक और व्यावहारिक बजट है। वित्त मंत्री ने समाज के हर वर्ग का का खयाल रखा है।कांग्रेस समेत अन्य सियासी दलों ने बजट की आलोचना की है।
कमलनाथ, कांग्रेस सांसद- यह एक कमजोर बजट है। इसमें ग्रामीणों तथा युवाओं के लिए कुछ नहीं है। लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने पर सरकार ने जरा भी ध्यान नहीं दिया है।
अश्विनी कुमार,कांग्रेस नेता- शब्दों के हेरफेर के अलावा इस बजट में कुछ खास नहीं है।
पीसी चाको,कांग्रेस नेता- सरकार से अच्छे बजट की उम्मीद नहीं की जा सकती। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट का फायदा सरकार को मिला है।
स्मृति ईरानी,केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री- अटल योजना का पूरे देश में जश्न मनाया जाना चाहिए।
प्रकाश जावड़ेकर,केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार)- इस बजट में विकास का रोडमैप है। इससे लोगों की आकांक्षाएं पूरी होंगी।
अरविंद सुब्रह्मïण्यम, मुख्य आर्थिक सलाहकार, प्रधानमंत्री-भारत अभी दहाड़ता शेर नहीं, बल्कि एक उबर रही अर्थव्यवस्था है।
मल्लिकार्जुन खडग़े, लोकसभा में कांग्रेस नेता-'बजट सिर्फ कॉरपोरेट और उद्योगों के लिए है। यह गरीब समर्थक बजट नहीं है। यह भाजपा सरकार की उन अमीरों और कॉरपोरेट को की गई धन वापसी है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान उनका समर्थन किया था। यह बजट केवल वादों के बारे में है।
जयराम रमेश, कांग्रेस नेता-'आपने (भाजपा) चुनाव में लिया था। आप लौटा रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस सांसद-यह एक 'खोखला और पीड़ादायक बजट है।
मायावती, बसपा प्रमुख-'बजट का उद्देश्य कॉरपोरेट की मदद करना है। इसे केवल अमीरों और बड़े पूजीपंतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह आम आदमी के हित में नहीं है।
भृतुहरि मेहतबा, लोकसभा में बीजद नेता-बजट से काफी निराशा हुई है क्योंकि इसमें किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया है।
अजय पांडा, बीजद नेता- यह एक 'बिग बैंग' बजट है। इससे अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा और उद्योग तथा विनिर्माण क्षेत्र के लिए संभावनाओं इजाफा होगा।
शरद पवार, राकांपा प्रमुख-'बजट में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया गया है, क्योंकि इसमें ढांचागत क्षेत्र, कृषि और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कोई पहल नहीं की गई है।
सुप्रिया सुले, राकांपा सांसद- यह 'कभी खुशी, कभी गम लाने वाला बजट है। भाजपा को जिस प्रकार विशाल जनादेश मिला है, वह किसानों के लिए काफी कुछ कर सकती थी।
सौगत रॉय, तृणमूल कांग्रेस नेता-'बजट में 840 करोड़ रुपये के चिल्लर फेंककर पश्चिम बंगाल के साथ मजाक किया गया है, जहां राज्य ने अब तक अपने ऋण के बोझ पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।
डेरेक ओ ब्रायन, तृणमूल कांग्रेस नेता-'बजट 'गरीब विरोधी, जन विरोधी और मध्यवर्ग विरोधी है। बजट में केवल अच्छी-अच्छी बातें कही गईं हैं और काम की कोई बात नहीं है, क्योंकि वित्त मंत्री एस्कीमो को रेफ्रिजरेटर बेचने की कला जानते हैं।
शरद यादव, जदयू प्रमुख- बजट में रोजगार, कृषि और कालेधन जैसे तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नई पहल का अभाव है, जिनके नाम पर भाजपा सत्ता में आई थी।
केसी त्यागी, जदयू प्रवक्ता-'यह बजट कॉरपोरेट हितैषी, शहरी हितैषी और धनी-मानी हितैषी करार दिया। इसमें गरीबों, कृषि, श्रमिकों, किसानों और ग्रामीणों के लिए कुछ नहीं है। इसमें ग्रामीण भारत की पूरी तरह अनदेखी की गई है।
दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस नेता- 'यह स्पष्ट है कि भाजपा 'कॉरपोरेट समर्थक है। हम उनके लिए कुछ पहलों की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन कभी यह नहीं सोचा था कि कॉरेपोरेट को कर में छूट दी जाएगी जबकि आम आदमी को ऐसी कोई कर छूट नहीं मिली है। कृषि क्षेत्र को विशेषतौर पर नजरअंदाज किया गया है। किसानों की पूरी तरह अनदेखी की गई है।
जनार्दन द्विवेदी, कांग्रेस महासचिव-बजट में सेवा कर सहित जो भी कर प्रस्ताव किए गए हैं। अंतत: उससे आम उपभोक्ता की जेब से ही पैसा जाएगा।
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार-'बिहार के लिए विशेष आर्थिक सहायता देने पर वित्तमंत्री अरुण जेटली को धन्यवाद देता हूं। प्रदेश को एम्स जैसा संस्थान देना भी सराहनीय है।
प्रकाश सिंह बादल, मुख्यमंत्री-पंजाब- 'इस बजट में पंजाब को अग्रणी राज्य बनाने संबंधी राजग के एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है, जिससे पंजाब के साथ भेदभाव खत्म हुआ है।
वीरभद्र सिंह, मुख्यमंत्री-हिमाचल प्रदेश- 'बजट ने आम लोगों के अरमानों पर पानी फेर दिया। यह कॉरपोरेट घरानों का बजट है, जिसमें जनता के हितों की अनदेखी की गई है।
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