ईवीएम में छेड़छाड़: चुनाव आयोग का चैलेंज कबूलने से कतरा रहे राजनीतिक दल
चुनाव आयोग की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ की खुली चुनौती (ईवीएम चैलेंज) को अब तक किसी राजनीतिक दल ने स्वीकार नहीं किया है।
नई दिल्ली(ब्यूरो)। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत के बाद विपक्ष ने ईवीएम को मुद्दा तो बना लिया था, लेकिन अब शायद उनके कदम सुस्त पड़ गए हैं। चुनाव आयोग की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ की खुली चुनौती (ईवीएम चैलेंज) को अब तक किसी राजनीतिक दल ने स्वीकार नहीं किया है।
शुक्रवार चुनौती के लिए अपने प्रतिनिधियों का नाम देने का अंतिम दिन है। लेकिन, बुधवार शाम तक किसी पार्टी ने इसके लिए नाम नहीं दिया है। 3 जून से है चैलेंज पार्टियों को तीन जून से ईवीएम से छेड़छा साबित करने का मौका दिया जाएगा। इससे पहले आयोग को नाम देना जरूरी है। आयोग ने पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाग लेने वाली सभी पार्टियों से कहा है कि वे ईवीएम से छेड़छाड़ साबित कर दिखाएं। इस काम के लिए पार्टियों को तीन व्यक्ति प्रतिनिधि के तौर पर भेजने की छूट होगी।
कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल, जदयू, राजद, आप सहित विभिन्न विपक्षी पार्टियों ने इस संबंध में पहले शिकायत की थी। आप ने किया था दावा गत दिनों दिल्ली विधानसभा में आप ने एक मशीन के जरिए दावा किया था कि बहुत आसानी से ईवीएम को हैक किया जा सकता है। आप विधायक ने तो यहां तक दावा किया था कि वह कुछ सेकंड में मदरबोर्ड भी बदल सकते हैं।
किसी ने नहीं दिया ठोस सबूत
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि विपक्षी दलों की ओर से अब तक ईवीएम को लेकर आयोग को कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है। जैदी ने बताया कि इस चुनौती के लिए हमने उन वोटिंग मशीनों को दिल्ली मंगवाना शुरू कर दिया है, जिनका उपयोग पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में किया गया था।
ऐसे दिखा सकेंगे गड़बड़ी
-प्रत्येक पार्टी को चार घंटे का समय दिया जाएगा।
-ईवीएम की कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट के बटन दबाकर छेड़छाड़ कर सकेंगे।
-ब्ल्यूटूथ अथवा मोबाइल फोन जैसे किसी बाहरी उपकरण की मदद से भी अपनी बात साबित कर सकेंगे।
-अगर इस दौरान मशीन बंद हो गई, तो पार्टियों का ग़़डब़़डी का दावा समाप्त माना जाएगा।
-पार्टियों को निर्देशों के अनुरूप काम करना होगा। उन्हें मशीन खोलने या पुर्जे बदलने की छूट नहीं होगी।
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