व्यापम घोटाला: SIT की जांच पर भरोसा नहीं करती है कांग्रेस
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापम घोटाले को कवर करने गए एक टीवी चैनल के पत्रकार अक्षय सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच एसआईटी के हवाले कर दी है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में गुजरात से आने वाली फोरेंसिक रिपोर्ट से काफी कुछ
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापम घोटाले को कवर करने गए एक टीवी चैनल के पत्रकार अक्षय सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच एसआईटी के हवाले कर दी है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में गुजरात से आने वाली फोरेंसिक रिपोर्ट से काफी कुछ मदद मिलेगी। वहीं कांग्रेस ने इस रिपोर्ट के आने से पहले ही इसे नकार दिया है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि गुजरात की फोरेंसिक रिपोर्ट पर उन्हें कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने इस मामले में एम्स के वरिष्ठ डाक्टरों से विसरा रिपोर्ट तैयार करने की अपील की है। इस मामले में कांग्रेस समेत आप ने स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की अपील की है। इस बीच झाबुआ के एसपी आबिद खान ने इस मौत की शुरुआती जांच में किसी तरह से कुछ संदिग्ध दिखाई नहीं दे रहा है।
इस मामले में भाजपा और राज्य सरकार पर लगातार हो रहे वार के बाद भाजपा ने कहा है कि यदि कांग्रेस को हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी पर विश्वास नहीं है तो फिर किस पर विश्वास करेगी। कांग्रेस के नेता पीसीचाको ने इसके देश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए पूछा है कि इस मामले में सीएम की भूमिका की जांच कौन करेगा। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यदि चौहान इस मामले में निष्पक्ष जांच करवाना चाहते हैं तो उन्हें गृह मंत्रालय को इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए पत्र लिखना चाहिए।
टीवी पत्रकार की मौत की जांच को लेकर उठ रही आवाजों के बीच सीएम ने कहा कि इस घोटाले की जांच हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश के अंतर्गत हो रही है। लिहाजा राज्य सरकार हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश से बढ़कर फैसला नहीं ले सकती है। लेकिन बावजूद इसके राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। राज्य के सीएम ने पत्रकार की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। अक्षय का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पत्रकार अक्षय सिंह के अंतिम संस्कार में पहुंचे राहुल और केजरीवाल
टीवी पत्रकार की मौत को लेकर कई राजनेताओं ने इस मौत की जांच सीबीआई के हवाले करने की मांग की है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस मामले में स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है। कांग्रेस के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि जब सीएम शिवराज सिंह चौहान हर मामले में सीबीआई जांच करवाने लगते हैं तो इस बार वह ऐसा करने से क्यों मना कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस के अन्य नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि वह इसम मामले में किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं लेकिन यह एक बेहद संवेदनशील मामला है जिस पर पार्टी ध्यान आकर्षित करना चाहती है।
यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे आरपीएन सिंह ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि पीएम सिर्फ सेल्फी और डायलॉग पर ही रह जाएंगे। उन्होंने चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वह इस मामले में कुछ भी छिपाना नहीं चाहते हैं तो फिर इस मौत की जांच सीबीआई को क्यों नहीं सौंप देते हैं। उनका कहना था कि इस मामले में अभी तक कई मौतें हो चुकी हैं, इसके बाद भी केंद्र सरकार नहीं जागी है। उन्होंने कहा कि बिना सीबीआई जांच के इस मौत का सच सामने आने वाला नहीं है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि हम भारत में रह रहे हैं या किसी बनाना रिपब्लिक में जहां चालीस लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है।
बीईओ के हैड एनके सिंह ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अंतर्गत स्वतंत्र जांच की अपील की है। सामाजिक कार्यकर्ता आभा सिंह ने भी संदिग्ध हालत में हुई पत्रकार की मौत पर गहरा अफसोस जाहिर कर स्वतंत्र जांच की अपील की है। उन्होंने इस मामले में जितना जल्द हो पीएम से दखल देने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि इस मामले में कई बेगुनाहों की मौत हो गई है। लिहाजा इसमें पीएम को दखल देना चाहिए। वकील विवेक तन्खा ने इस मामले में स्वतंत्र जांच की अपील की है।
पढ़ें: व्यापमं घोटाला: पत्रकार की संदिग्ध मौत, जांच का आश्वासन