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चोरी की रिपोर्ट लिखाने गए मोची से पुलिस ने घंटों कराई जूता पॉलिश

उत्तर प्रदेश की 'मित्र पुलिस' ने एक व्यक्ति के साथ सिर्फ चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने के एवज में ऐसा काम कराया कि वह अब थाना की ओर देखना ही नहीं चाहता है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 30 May 2016 01:50 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 04:56 PM (IST)
चोरी की रिपोर्ट लिखाने गए मोची से पुलिस ने घंटों कराई जूता पॉलिश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 'मित्र पुलिस' ने एक व्यक्ति के साथ सिर्फ चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने के एवज में ऐसा काम कराया कि वह अब थाना की ओर देखना ही नहीं चाहता है। यह मामला दंगों से लंबे समय तक जूझे मुजफ्फरनगर जिले का है।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ ही महानिदेशक जावीद अहमद भले ही एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन यह सुर्खियों में रहती है। चाहे मामला थर्ड डिग्री का हो या घूस लेकर अपनी जेब गर्म करने का। पुलिस की कोई सानी ही नहीं है। किसी भी मामले को अपने ढंग से टरकाने में तो इनको महारथ है।

मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक गरीब को उसके मोबाइल खो जाने की ऐसे सजा दी गई कि वह अब थाना आने से तौबा कर रहा है। इसी थाना क्षेत्र का रहने वाला एक गरीब मोची मोबाइल खोने के बाद अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचा। वह तो मित्र पुलिस के पास अपने मोबाइल के खो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराने गया था। उसे नहीं पता था कि उसकी यह हिमाकत उसे कितनी भारी पडऩे वाली है। सुबह से लेकर शाम तक उसकी रिपोर्ट तो नहीं लिखी गई, लेकिन उसे घंटों सभी पुलिसकर्मियों के बूट पॉलिस पड़े।

इतना ही नहीं जब उसने बूट पॉलिश मना किया बुजुर्ग को धमकाते हुए मानवता की सारी हदें पार कर दी गई। पुलिसकर्मियों ने उसे यह कहकर भगाना चाहा कि अभी पुलिस के पास मोबाइल की रिपोर्ट लिखने का समय नहीं है। पीडि़त को यह भी कहा गया कि रोजाना मोबाइल की रिपोर्ट होती है, लेकिन मोबाईल कहां मिलता है।

मुजफ्फरनगर के हैबतपुर चरथावल के गरीब मोची सित्तू को जब लगा कि पुलिसकर्मी उसकी रिपोर्ट लिखने को किसी कीमत पर तैयार नहीं हैं, तब उसने अपना परिचय पुलिसकर्मियों को कुछ इस तरह दिया। साहब मैं गरीब मोची हूं, मेरे पास दूसरा मोबाइल लेने के लिए पैसे नहीं हैं, उस मोबाइल का कोई दुरूपयोग कर सकता है फिर आप ही हमें परेशान करोगे।

जिसके बाद मौजूद एक पुलिसकर्मी ने उसके सामने अपने जूते रख दिए और पॉलिश करने को कहा। जिसके बाद पीडि़त ने घर से सामान लाकर पॉलिश करने का भरोसा दिया। जब पीडि़त घर से पॉलिश का सामान लेकर थाने पहुंचा तो पुलिसकर्मियों ने उसके उपर जूतों की बरसात कर दी। इतने जूतों पर पॉलिस करने से मना करने पुलिसकर्मियों ने उसे धमकी दी कि उसे पॉलिश करनी ही होगी। नहीं तो रिपोर्ट नहीं लिखी जायेगी। डरा हुआ गरीब मोची ढाई घंटे तक जूतों की पॉलिस करता रहा है। इसके बाद तो वह अपनी किस्मत को कोसता हुआ चला गया।


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