पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में लिया
कल ही जमानत पर छूटे पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में लिया है। एक अन्य मामले में गायत्री को जेल भेजने की तैयारी कर रही है।
लखनऊ (जेएऩएऩ)। कल ही जमानत पर छूटे पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को पुलिस ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लिया है। एक अन्य मामले में गायत्री को जेल भेजने की तैयारी कर रही है। इसके पहले कल ही बालू खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर महिला को मंत्री आवास बुलाकर दुराचार करने व ब्लैकमेल कर नाबालिग पुत्री के साथ भी दुराचार का प्रयास करने के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति, विकास वर्मा व अमरेन्द्र सिंह उर्फ पिंटू को सशर्त जमानत मिली थी। पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्रा द्वितीय ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये की दो जमानत दाखिल करने पर रिहा किया था।
यह है मामला
गायत्री प्रजापति आज नूतन ठाकुर के द्वारा किए गए केस में सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश हुए थे। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने उन्हें और उनके पति आइपीएस अमिताभ ठाकुर को फर्जी मुकदमों में फंसाए जाने के लिए पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर थाना गोमतीनगर में मुकदमा दर्ज कराया था। नूतन ने आरोप लगाया था कि, प्रजापति के इशारों पर महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष जरीना उस्मानी ने उन्हें फंसाने के लिए गाजियाबाद की एक महिला को हथियार बनाया था और उसके माध्यम से उनके अाइपीएस पति पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगवाया था। नूतन ठाकुर का आरोप है कि, दो साल पहले सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने उनके पति आईपीएस अमिताभ ठाकुर को कॉल करके धमकी दी थी।मुलायम की बात न मानने पर उनके पति पर किसी महिला की तरफ दुष्कर्म का केस दर्ज करा दिया गया था। मुलायम सिंह की धमकी के ठीक बाद 13 जुलाई 2015 को अचानक केस दर्ज हुआ था। यह केस गायत्री प्रजापति ने महिला से करवाया था।
Gayatri Prajapati sent to judicial custody for 14 days after he was produced in court in another case filed against him— ANI UP (@ANINewsUP) April 26, 2017
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आरोपी मुकदमे की विवेचना व विचारण के दौरान सहयोग देंगे और हर पेशी पर कोर्ट में हाजिर होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि मुकदमे के विचारण के दौरान आरोपी कोर्ट के क्षेत्राधिकार से बाहर नहीं जाएंगे और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 18 फरवरी, 2017 को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पीडि़ता ने रिपोर्ट में बताया था कि उसका तत्कालीन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापित के घर आना जाना था। लगभग तीन वर्ष पूर्व गायत्री प्रजापति ने अशोक तिवारी के माध्यम से अपने आवास पर बुलाया और चाय में नशीला पदार्थ मिला उसके साथ दुराचार किया। उसकी अश्लील फोटो खींच ली गईं। उसी फोटो के जरिए ब्लैकमेल कर एक महीना तक पिंटू सिंह, विकास शर्मा, आशीष शुक्ला, चन्द्रपाल और रूपेश तिवारी ने दुराचार किया। आरोप लगाया कि बाद में गायत्री प्रजापति ने पीडि़ता की नाबालिग पुत्री को बुलाकर उसके साथ भी दुराचार का प्रयास किया।