समाजसेविका बन 96 लाख रुपये का फर्जी चेक लेकर बैंक पहुंची मैडम, पुलिस ने पकड़ा
पटना पुलिस ने बैंक में 96 लाख रुपये के फर्जी चेक को जमा कराने आयी एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस चेक के बारे में पूरी डिटेल्स खंगाल रही है।
पटना [जेएनएन]। एक स्वयंसेवी संस्था के खाते में फर्जी चेक से 96 लाख रुपये जमा करने के लिए सोमवार को इलाहाबाद बैंक की अशोकनगर शाखा पहुंची कंकड़बाग की इंदू पांडेय (लगभग 55 वर्षीय) पुलिस के हत्थे चढ़ गई। बैंक के मैनेजर महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, लखनऊ का 96 लाख का फर्जी चेक, इलाहाबाद बैंक, अशोकनगर में जमा करने पहुंची थीं इंदु देवी और उसके पास का चेक क्लोन किया हुआ था। इलाहाबाद बैंक के मैनेजर सुशांत कुमार राउत की लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कंकड़बाग थाने की पुलिस ने उसे एसकेनगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
वह एसके नगर इलाके के 14 आदर्श कॉलोनी की रहने वाली हैं। इंदू खुद को समाजसेवी बताती है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह नौबतपुर में बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा देती हैं। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इंदू के साथ राहुल नाम का एक लड़का भी बैंक आया था, जो पुलिस को देखकर भाग गया। पूरे मामले की छानबीन की जा रही है।
जानिए क्या है मामला
मूल रूप से नौबतपुर की रहने वाली इंदु ने इस चेक को 13 नवंबर को इलाहबाद बैंक में जमा किया था। इसे करपी स्थित बैंक में वहां के एनजीओ करपी ग्रामीण समन्वय समिति, अरवल के खाते में कैश होने के लिए जमा किया गया था। इस एनजीओ का खाता इलाहाबाद बैंक, अशोकनगर शाखा में ही है।
लखनऊ स्थित एसबीआई के जवाहर भवन, अशोक मार्ग शाखा का यह चेक जिसका नंबर 154080 है। इंदु ने चेक जमा करने के दौरान अपना पैन कार्ड व परिचयपत्र भी दिया था। वह एसकेनगर निवासी बैकुंठनाथ पांडेय की बेटी है।
एनजीओ के खाते में पैसे जमा करने को कहा था
पूछताछ में इंदु ने बताया कि वह राम मोहन तिवारी को जानती है। उसी ने फोन कर 13 नवंबर को कहा था कि पटना जंक्शन के बाहर एक व्यक्ति तुम्हें 96 लाख का चेक देगा। उसे एनजीओ के खाते में जमा कर देना। इंदु के मुताबिक उसने वैसे ही किया, जैसा तिवारी ने कहा था। वह अपने को बेकसूर बता रही है, लेकिन पुलिस को उसपर शक है।
जांच के बाद चेक फर्जी पाया गया
इलाहाबाद बैंक के डीजीएम ने बताया कि इलाहाबाद बैंक, अशोकनगर शाखा में 96 लाख का चेक जमा हुआ था।
इतनी मोटी रकम होने की वजह से बैंक को शक हुआ। बैंक ने उसे कंफर्म करने के लिए लखनऊ के एसबीआई के सर्विस ब्रांच को भेजा, जो फर्जी निकाला।
कहा एसएसपी ने
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस करपी भी जाएगी और एनजीओ के बारे में सुराग लगाने के साथ ही संचालक से भी पूछताछ करेगी। अगर इंदु की बातें जांच में सही पाई गई तो संचालक को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस उस शख्स की तलाश की जा रही है, जिसने इंदु को स्टेशन के बाहर फर्जी चेक दिया था।
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16 जून 2007 को करपी ग्रामीण समन्वय सोसायटी ने इलाहाबाद बैंक की अशोकनगर शाखा में खाता खोला था। सोसायटी के अध्यक्ष राजमोहन तिवारी और कोषाध्यक्ष संजय कुमार के संयुक्त हस्ताक्षर से खाते से रुपयों की निकासी होती है।
एसबीआइ की लखनऊ स्थित सीसीपीसी ने इस चेक को 18 नवंबर को भी फर्जी घोषित कर दिया था और सोसायटी के खाते से लेन-देन पर रोक लगाने एवं प्राथमिकी दर्ज करने के लिए इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक को ई-मेल भेजा था।
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एक स्कीम द्वारा जारी किया गया था चेक
लखनऊ के जिस एसबीआइ का फर्जी चेक पकड़ा गया, वह किसी स्कीम से जुड़ा था। चेक की बनावट ही संदेहास्पद थी। जब तीन दिसंबर को 95 लाख 87 हजार 465 रुपये का यही चेक इंदू ने इलाहाबाद बैंक में डाला, तब बैंककर्मियों का माथा ठनका।
उन्होंने तत्काल कंकड़बाग थाना पुलिस को इत्तिला दी। इंदू ने बैंक में अपना वोटर आइ-कार्ड और पैन कार्ड की छायाप्रति भी दी थी। थाना पुलिस के मुताबिक बैंककर्मियों ने चेक में गड़बड़ी पाकर इंदू को शाखा बुलाया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।