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पीएनबी घोटाले में हुई अब तक की पहली सबसे हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी

करीब साढ़े 11 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं छापेमारी और दस्‍तावजाें की जब्‍ती के बीच विपुल अंबानी को हिरासत में ले लिया गया है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 07:44 AM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 09:40 AM (IST)
पीएनबी घोटाले में हुई अब तक की पहली सबसे हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी
पीएनबी घोटाले में हुई अब तक की पहली सबसे हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी

नई दिल्‍ली, जेएनएन/एजेंसी। करीब साढ़े 11 हजार करोड़ के देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को लेकर पूरे देश में खलबली मची हुई है। आए दिन नए-नए खुलासों से पीएनबी घोटाले की परतें एक-एक कर खुलती जा रही हैं। मोदी सरकार ने किसी को भी नहीं बख्‍शने की हिदायत दी है। देश की बड़ी जांच एजेंसियां भी ताबड़तोड़ कार्रवाई करने में जुटी हुई हैं। फिलहाल मुख्‍य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी फरार चल रहे हैं, मगर उनसे जुड़े लोगों की धर-पकड़ जारी है और इस सिलसिले में सीबीआइ ने अब तक की पहली सबसे हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी की है।

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सीबीआइ की गिरफ्त में विपुल अंबानी
नीरव मोदी की फाइव स्टार डायमंड कंपनी के अध्यक्ष (वित्त) विपुल अंबानी को हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने इसे अब तक की पहली सबसे बड़ी गिरफ्तारी बताया है। आपको बता दें कि विपुल अंबानी देश के शीर्ष उद्योगपति रहे स्व.धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नटुभाई अंबानी के बेटे हैं और नीरव मोदी के फायरस्टार इंटरनेशनल कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी हैं।

बताया जा रहा है कि विपुल अंबानी को पहली एफआइआर के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। इस एफआइआर के तहत 6498 करोड़ रुपए के 150 लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) की जांच की जा रही है। वहीं नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के लिए पीएनबी की तरफ से फर्जी गारंटी जारी करने वाले करीब 9-10 सीनियर अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

बैंक के जनरल मैनेजर को भी किया गिरफ्तार

बैंक के जनरल मैनेजर राजेश जिंदल को भी मुंबई से गिरफ्तार किया गया है। जिंदल पर आरोप है कि उनके समय से ही नीरव मोदी की कंपनी को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी हुए थे। वह 2009 से 2011 के बीच मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस ब्रांच के हेड थे, जिसे सील कर दिया गया है। यह वही बैंक है, जहां से इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया।

जब्‍त हो सकता है नीरव मोदी का आलीशान बंगला
आपको बता दें कि जांच करते-करते सीबीआइ नीरव मोदी के मुंबई स्थित 27 एकड़ में फैले फार्म हाऊस और उसके बीच में बने आलीशान बंगले तक पहुंच गई है। सीबीआइ की टीम मंगलवार को दिन-भर इस बंगले को खंगालती रही। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नीरव मोदी के अधिकारियों से पूछताछ के दौरान मुंबई के पास अली बाग में उसके फार्म हाऊस की जानकारी मिली। मंगलवार को जब सीबीआइ वहां तलाशी लेने पहुंची तो उसकी भव्यता देखकर हैरान रह गई। पूरा फार्म हाऊस 27 एकड़ में फैला हुआ है और उसके बीचो-बीच में आलीशान बंगला बना हुआ है। एक अधिकारी ने कहा कि इस बंगले की बाजार मूल्य कई सौ करोड़ रुपए हो सकती हैं। ईडी की नजर भी इस बंगले पर है और वह उसे जब्त करने की तैयारी में है।

पहले गिरफ्तार अारोपियों ने किए कई अहम खुलासे
पीएनबी घोटाले में गिरफ्तार बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, एकल खिड़की प्रभारी मनोज खरात व नीरव मोदी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हेमंत भट्ट ने कई अहम खुलासे किए हैं। शेट्टी ने बताया था कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों को फर्जी एलओयू जारी करने के एवज में मोटा कमीशन लिया जाता था। इस कमीशन राशि का बंटवारा मुंबई की ब्राडी हाऊस शाखा के घोटाले में लिप्त सभी कर्मचारी में होता था।

शेट्टी ने यह भी माना कि वह फर्जी एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटैकिंग) के लिए लेवल-5 पासवर्ड का अनधिकृत रूप से उपयोग करता था। इसी के जरिए स्विफ्ट सॉफ्टवेयर का उपयोग कर वह नीरव और मेहुल की कंपनियों को फर्जी एलओयू जारी करने की सूचना विदेशों में स्थित अन्य बैंकों को दे देता था। गौरतलब है कि यह संदेश सेवा है, जिससे पूरी दुनिया में बैंकों को लाखों संदेश रोजाना भेजे जाते हैं। इसके आधार पर ही विदेशों में कई बैंकों ने नीरव और मेहुल की कंपनियों को 11,400 करोड़ रुपए (1.77 अरब डॉलर) का भुगतान कर दिया, जबकि पीएनबी को इसके एवज में गारंटी के तौर पर कोई नकद राशि चुकाई ही नहीं गई।

घोटाले पर पहली बार बोले वित्‍त मंत्री जेटली
मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पीएनबी में हुए के घोटाले में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। वहीं घोटाले के प्रकाश में आने के बाद पहली बार बयान देने वाले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के तेवर और रुख से बिल्‍कुल स्पष्ट है कि बैंक प्रबंधन व आॅडिटर्स भी घेरे में हैं और उन पर भी गाज गिर सकती है। वहीं नीरव मोदी जैसे घपलेबाजों को उन्‍होंने चेताया है कि आखिरी मोड़ तक पीछा कर सरकार उन्हें दबोच लेगी।

बकाया चुकाने से नीरव मोदी कर चुका है इंकार
भारत में बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला करने के बाद नीरव मोदी अब धमकी पर उतर आया है। उसने कहा है कि जल्दबाजी में बातों को सार्वजनिक कर पीएनबी ने बकाया वसूली के अपने सारे रास्ते खुद बंद कर लिए हैं। उसने यह भी कहा है कि बैंक जितना बता रहा है, बकाया रकम उससे बहुत कम है। नीरव मोदी ने 15/16 फरवरी को पत्र लिखकर बैंक प्रबंधन को अपने इरादों के बारे में बता दिया है। इसमें उसने कहा है कि उसके पास 5,000 करोड़ रुपए से भी कम का बकाया है।

रिजर्व बैंक से सवाल- क्यों नहीं पकड़ पाए फ्रॉड
सात वर्षो तक पंजाब नेशनल बैंक की एक ही शाखा में गड़बड़ी होती रही, लेकिन इसकी भनक बैंकिंग सेक्टर के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) को भी नहीं लगी। अब जब पीएनबी में उद्योगपति नीरव मोदी और उसकी कंपनियों की तरफ से किए गए घोटाले की परतें खुलने लगी हैं तो सवालों के घेरे में आरबीआइ भी है। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने इस बारे में आरबीआइ को पत्र लिख कर पूछा है कि आखिर इतना बड़ा मामला किस तरह से उनकी नजर से बचा रह गया?

घोटाले का असर: खतरे में पीएनबी बैंक की साख
नीरव मोदी के बैंक घाेटाले ने पीएनबी की साख को खतरे में डाल दिया है। 11,400 करोड़ का बैंक घोटाला सामने आने के बाद अब रेटिंग एजेंसिया भी हरकत में आ गई हैं। फिच ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को ‘रेटिंग वाच निगेटिव’ श्रेणी में रख दिया है। इसे पीएनबी की रेटिंग घटाने का संकेत माना जा सकता है। प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी बैंक की रेटिंग में कटौती के लिए पीएनबी को समीक्षा में डाल दिया है।


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