गरीब राज्यों से दूरी बनाए रहे मनमोहन
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दस साल के शासन में कई विदेश दौरे किए, लेकिन अपने देश के गरीब व पिछड़े राज्यों की उन्होंने सुध तक नहीं ली। देश के गरीबी व पिछड़ेपन के शिकार क्षेत्रों में मनमोहन इक्का-दुक्का बार ही गए। कुछ अपवाद छोड़ दें तो उन्होंने गरीब राज्यों का दौरा आमतौर पर कां
[हरिकिशन शर्मा], नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दस साल के शासन में कई विदेश दौरे किए, लेकिन अपने देश के गरीब व पिछड़े राज्यों की उन्होंने सुध तक नहीं ली। देश के गरीबी व पिछड़ेपन के शिकार क्षेत्रों में मनमोहन इक्का-दुक्का बार ही गए। कुछ अपवाद छोड़ दें तो उन्होंने गरीब राज्यों का दौरा आमतौर पर कांग्रेस के लिए वोट मांगने को ही किया। प्रधानमंत्री ने सबसे ज्यादा दौरे धनी शहरों-प्रदेशों व कांग्रेस शासित राज्यों के ही किए।
प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट के मुताबिक 22 मई, 2004 से 12 अप्रैल, 2014 तक प्रधानमंत्री ने कुल 258 घरेलू दौरे किए। उन्होंने ओडिशा में दो, झारखंड में तीन, छत्तीसगढ़ व बिहार में चार-चार दौरे किए। बिहार में सिर्फ दो ही बार वह अधिकारिक दौरे पर गए। दो बार वह राजनीतिक दौरों पर गए। सबसे ज्यादा गरीबी इन चारों राज्यों में ही है। छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत, झारखंड में 36.96 प्रतिशत, बिहार में 33 व ओडिशा में 32 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे है। कई राज्य ऐसे भी हैं, जहां वह 10 साल में सिर्फ एक बार ही गए, जैसे नगालैंड व सिक्किम। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के कुल 17 दौरे किए, जिनमें सिर्फ 10 ही अधिकारिक हैं। बाकी सात गैर-आधिकारिक हैं। पीएम ने सबसे ज्यादा 38 दौरे महाराष्ट्र व 29 दौरे आंध्र प्रदेश के किए। महाराष्ट्र व आंध्र प्रदेश में भी ज्यादातर मौकों पर वह मुंबई व हैदराबाद तक ही सीमित रहे। पीएम ने 22 बार असम का दौरा किया, जहां से वह राज्यसभा सांसद हैं। पीएम ने पश्चिम बंगाल व केरल के 15-15 दौरे किए।
पीएम ने अपने दोनों कार्यकाल में 73 विदेश दौरे किए। अमेरिका, चीन, ब्रिटेन सहित कई देश तो ऐसे हैं, जहां पीएम कई बार गए। हाल के वर्षो में कई राज्यों ने विकास की दौड़ में बराबरी पर आने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की, जिसे केंद्र ने सिरे से खारिज कर दिया। ऐसे में पीएम अगर इन राज्यों के दौरे कर वहां की जमीनी हकीकत से वाकिफ होते तो इन राज्यों का भला हो सकता था।