पीएम मोदी ने मंत्रियों को दिलाई याद, जमीन पर उतारें घोषणा
गुरुवार को संसद भवन परिसर पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में व्यय सचिव अशोक लवासा ने रिपोर्ट पेश की।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। मंत्रालयों की शिथिलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बर्दाश्त नहीं करेंगे। गुरुवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में शब्दों मे भले नहीं लेकिन इशारों-इशारों में प्रधानमंत्री की ओर से यह संदेश दे दिया गया है। यही कारण है कि उन्होंने अब तक की तीनों बजट में की गई घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने में विभिन्न विभागों के कदम और खर्च की गई राशि की समीक्षा की। व्यय सचिव की ओर से समग्र रिपोर्ट पेश की गई। उन्होंने यह स्पष्ट भी कर दिया कि घोषणाएं जमीन पर उतरनी ही चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को संसद भवन परिसर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में व्यय सचिव अशोक लवासा ने रिपोर्ट पेश की। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के समापन पर कहा कि हम फिर अगली बैठक में किसी नये विषय पर चर्चा के लिए बैठेंगे।
संसद के मानसून सत्र शुरु होने के ठीक पहले हुई यह बैठक हर महीने होने वाली समीक्षा बैठक से हटकर थी। इसमें आम बजट के प्रावधान और घोषित योजनाओं पर अमल की समीक्षा की गई। मंत्रिपरिषद की यह बैठक शाम चार बजे शुरु हुई, जो चार घंटे से भी अधिक देर तक जारी रही। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय के आला अफसरों ने अपनी रिपोर्ट पेश कर विभिन्न मंत्रालयों के बजट प्रावधानों और खर्च का ब्यौरा दिया।
सामाजिक क्षेत्र से संबद्ध मंत्रालयों में खर्च पर विशेष ध्यान दिया गया। देशभर में झमाझम बारिश न होने और मानसून के विलंब से सक्रिय होने के पूर्वानुमान पर बैठक में चर्चा हुई। आम बजट में कृषि क्षेत्र का बजट प्रावधान दो गुना किया गया था। इसके साथ ही हर खेत को पानी देने की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बारे में विस्तार से एक रिपोर्ट मंत्रिपरिषद के समक्ष रखी गई। कौशल विकास, रोजगार सृजन और मनरेगा जैसी सामाजिक योजना की प्रगति की समीक्षा की गई।
बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए आम बजट में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। इससे जुड़े मंत्रालयों पर हुए खर्च और उनसे उपजी नौकरियों का ब्यौरा रखा गया। स्वच्छ भारत मिशन के लिए बजट में पर्याप्त धनराशि का आवंटन किया गया है।