मोदी बोले, हम घर बनाएंगे तो क्या वह अंबानी के लिए होगा!
विपक्ष की ओर से लगातार किसान और गरीब विरोधी होने का आरोप झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सांसदों व प्रतिनिधियों से पूर्ण संतुष्ट नहीं हैं। संसद सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष पर पलटवार किया। इसके साथ ही असंतोष भी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्ष की ओर से लगातार किसान और गरीब विरोधी होने का आरोप झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सांसदों व प्रतिनिधियों से पूर्ण संतुष्ट नहीं हैं। संसद सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्ष पर पलटवार किया। इसके साथ ही असंतोष भी जताया कि पार्टी विपक्ष की मानसिकता से बाहर नहीं आ पाई है। जो संदेश जनता तक पहुंचाना चाहिए था उस पर शिथिलता है।
उन्होंने यमन से बचाकर लाए गए हजारों भारतीयों का भी जिक्र किया और कहा- 'मैं सोचता था कि पार्टी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राज्यमंत्री वीके सिंह को सम्मानित करेगी।' ध्यान रहे कि पिछले 11 महीनों से अलग-अलग मंच से कई बार सांसदों को इस बाबत आगाह किया गया है लेकिन शायद उनके जनता और सरकार के बीच सेतु बनने के प्रदर्शन से प्रधानमंत्री संतुष्ट नहीं हैं।
दिन भर चली भाजपा सांसदों की बैठक में उन्होंने आशा जताई कि जनप्रतिनिधि गरीबों-किसानों के लिए किए जा रहे कार्यो का संदेश उन तक पहुंचाएगी। सोमवार से बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत हो रही है। इस चरण में भूमि अधिग्रहण विधेयक विवाद का बड़ा मुद्दा होगा। ऐसे में कांग्रेस ने जहां रैली कर पहले ही सरकार को अपने तेवर का अहसास करा दिया है। वहीं दूसरे विपक्षी दलों ने गोलबंदी शुरू कर दी है। ऐसे में भाजपा ने भी कमर कस ली है।
संसद परिसर में ही आयोजित कार्यशाला में पार्टी सांसदों को सरकार की ओर से गरीबों, किसानों व आम जनता के लिए किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी गई। आक्रामक होकर विपक्ष का जवाब देने की सलाह उद्घाटन संबोधन में खुद प्रधानमंत्री ने परोक्ष रूप से यह स्पष्ट कर दिया कि जन प्रतिनिधि जनता से सीधा संपर्क बनाकर केंद्र सरकार का संदेश नहीं पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा- 'हम विपक्ष में लंबे समय तक रहे हैं और अब तक उस मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। बहुत सारे अच्छे और प्रभावी कार्य हो रहे हैं .क्या वह जनता तक नहीं पहुंचाना चाहिए था।'
उन्होंने सांसदों से कहा- 'पिछली सरकार के काल से तुलनात्मक रूप में नई सरकार के काम को जनता तक पहुंचाएं, तभी पता चलेगा कि क्या हो रहा है और कितना हो रहा है।' हम राजनीति नहीं राष्ट्रनीति से चलते हैं : प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि हर बात पर राजनीति हो रही है, लेकिन उनकी सरकार राजनीति नहीं राष्ट्रनीति पर काम कर रही है।
कुछ लोगों को भाजपा की आलोचना करने की जन्मजात बीमारी है। इसी क्रम में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर टिप्पणी की और कहा- कुछ लोग एक रुपये का 15 पैसे तक पहुंचने की बात करते थे लेकिन उस बीमारी के इलाज पर कुछ नहीं किया। नई सरकार में भ्रष्टाचार खत्म हुआ है। क्या इसका फायदा नीचे तक नहीं जाएगा। उन्होंने अपील की यह संदेश लेकर जनता तक जाएं।