डच नागरिकों को भारत देगा पांच साल का बिजनेस व टूरिस्ट वीजा: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नीदरलैंड में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया।
एमस्टरडम (पीटीआई)। भारत सवा अरब लोगों का एक बाजार है, जो निवेश के लिए बांहें फैलाए आपका इंतजार कर रहा है। कारोबार के लिए यहां बेहतरीन माहौल तैयार कर दिया गया है। ये बातें भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने डच कंपनियों के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारियों) के साथ चर्चा में कहीं। वह बोले कि नीदरलैंड में बसे भारतीयों की तादाद ब्रिटेन के बाद सर्वाधिक है। भारत भी डच नागरिकों को पांच साल के लिए बिजनेस व टूरिस्ट वीजा देगा। इसका निर्णय निकट भविष्य में किया जाएगा।
दो दिन की अमेरिका यात्रा के बाद मंगलवार को नीदरलैंड की राजधानी एमस्टरडम पहुंचे मोदी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसके वो 80 करोड़ लोग हैं, जो अभी तक 35 साल की उम्र से नीचे हैं। ये हमारा बेहतरीन भविष्य हैं। नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुटे से वार्ता में उन्होंने एमटीसीआर में स्थायी सदस्यता मिलने पर यूरोप का जताया आभार जताया। यह वह संघ है जिसमें शामिल होने के बाद भारत का मिसाइल कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ा है। वह रूस के साथ संयुक्त रूप से मिसाइल कार्यक्रम पर काम कर रहा है। दोनों के बीच जलवायु परिवर्तन के नियमों पर अमल करते रहने की सहमति बनी। साथ ही अक्षय ऊर्जा में भागीदारी और जल परियोजनाओं को लेकर भी चर्चा हुई।
मोदी बोले कि भारत में सात हजार से ज्यादा बार सुधार करके एफडीआइ (फारेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) को इस काबिल बनाया गया है कि विदेशी निवेश आसानी से हो सके। सरकार ने आर्थिक क्षेत्र को इस लायक बनाया है जिससे भारत का स्तर और ऊंचा उठे। मार्क रुटे ने कहा कि भारत तेजी से वैश्विक महाशक्ति बना है। आज राजनीति के साथ आर्थिक क्षेत्र में वह बड़ी ताकत है। मेक इन इंडिया और क्लीन इंडिया की तारीफ करते हुए रुटे ने कहा कि यूरोप के साथ भारत के कारोबार का 20 फीसद माल नीदरलैंड के रास्ते वहां जाता है।
पूंजी प्रवाह को हरी झंडी
नीदरलैंड और भारत के बीच कारोबारी रिश्ते पिछले 70 साल से हैं। नरेंद्र मोदी ने डच पीएम के साथ चर्चा में उन नियमों को और आसान बनाने पर सहमति जाहिर की। इससे दोनों के बीच पूंजी का प्रवाह आसान हो जाएगा। अगले 70 साल के लिए ये नियम संशोधित किए जा रहे हैं। भारत-नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंधों को भी 70 साल पूरे हो चुके हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद का एकजुट होकर सामना करने पर सहमति जताई।
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