शिव प्रतिमा का अनावरण कर बोले पीएम, भारत ने दुनिया को योग सिखाया
इस मौके पर भगवाश शिव की इस विशाल प्रतिमा का डिजाइन करनेवाले सद्गुरू जग्गी वासुदेव भी प्रधानमंत्री के साथ थे।
कोयंबटूर (जेएनएन)। कोयंबटूर में महाशिवरात्रि के अवसर पर ईशा योग केन्द्र में भगावन शिव की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को योग एक उपहार के तौर पर दिया है। योग के जरिए एकात्मकता का सृजन किया गया।
उन्होंने कहा कि इस बात का पुख्ता उदाहरण है कि योग गंभीर अवस्था में काफी लाभदायक है। यह गुस्सा को शांत रखने में पूरी तरह से मददगार साबित होता है। इसलिए, मैं योग को स्वास्थ्य बीमा का पासपोर्ट कहता हूं। उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए किसी चीज का खारिज कर देना कि यह प्राचीन है ऐसा संभवत: हानिकारक हो सकता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे महाशिवरात्रि पर्व का हिस्सा बनकर अपार खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में यह जगह जहां पर हम सभी इकट्ठा हुए हैं यह अन्य लोगों के लिए प्रेरणादयी होगी।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज पूरी दुनिया शांति चाहती है। लेकिन, वह शांति सिर्फ युद्ध से ही नहीं बल्कि मानसिक तनाव से भी चाहती है और यह उसे पाने के लिए योग करना होगा। अनावरण के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ शिव की इस विशालकाय प्रतिमा का डिजाइन करनेवाले सद्गुरू जग्गी वासुदेव भी थे। साथ ही, वहां पर कार्यक्रम में शरीफ होने के लिए देशभर से लाखों की तादाद में लोग जुटे हुए हैं।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ईशा योग केन्द्र आने के लिए मिलिट्री हैलीकॉप्टर से कोयंबटूर हवाई अड्डा पर पहुंचे। वहां पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी और राज्यपाल विद्यासागर राव मौजूद थे। ईशा फाउंडेशन की एक विज्ञप्ति के मुताबिक विश्व की इस सबसे विशाल प्रतिमा की प्रतिष्ठा मानवता को आदियोगी शिव के अनुपम योगदान के सम्मान में की गई है।
पत्थर की जगह स्टील के टुकड़े जोड़कर देसी तकनीक से इसे तैयार किया गया है। नंदी की प्रतिमा को भी तिल के बीज, हल्दी, भस्म और रेत-मिट्टी भरकर बनाया गया है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोयंबतूर यात्रा के मद्देनजर शहर और इसके आसपास पांच-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। तमिलनाडु-केरल की सीमा पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। मानवाधिकार संगठनों, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, किसानों एवं जनजातीय संस्थाओं की ओर से विरोध प्रदर्शन की योजनाओं के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए।
अतिक्रमित जमीन पर प्रतिमा स्थापना का आरोप
इन संस्थाओं का आरोप है कि आदियोगी की आवक्ष प्रतिमा अतिक्रमित जमीन पर स्थापित की गई है और मोदी की यात्रा से इस जमीन का नियमितीकरण हो जाएगा। चेन्नई में माकपा और भाकपा ने प्रतिमा स्थापित करने में कथित तौर पर हुए कई कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को कार्यक्रम स्थल पर नहीं जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: यूपी में धूमधाम से मनाया जा रहा महाशिवरात्रि का त्योहार, मंदिरों में जुटी भीड़
यह भी पढ़ें:महाशिवरात्रि पर हर-हर भोले के घोष से गूंजा पंजाब, मदिरोंं में उमड़े श्रद्धालु