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प्रधानमंत्री योग दिवस पर लखनऊ में 55 हजार साधकों के साथ करेंगे योग

आयुष मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में योग दिवस के 5,000 से ज्यादा आयोजन होंगे।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 10:00 PM (IST)
प्रधानमंत्री योग दिवस पर लखनऊ में 55 हजार साधकों के साथ करेंगे योग
प्रधानमंत्री योग दिवस पर लखनऊ में 55 हजार साधकों के साथ करेंगे योग

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारत समेत दुनियाभर के 150 देश बुधवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएंगे। देश में सबसे बड़ा आयोजन लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में होगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 55 हजार लोगों के साथ विभिन्न योग आसन करेंगे। 80 मिनट का कार्यक्रम सुबह 6.30 बजे शुरू होगा। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती को भी बुलाया गया है। आयुष मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में योग दिवस के 5,000 से ज्यादा आयोजन होंगे। मालूम हो, पहला योग दिवस 2015 में मनाया गया था।

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माईगव पर भेजनी होंगी तस्वीरें :

2015 में नरेंद्र मोदी का सेल्फी विद डॉटर अभियान खासा चर्चित और सफल रहा था। इसी से प्रेरित होकर इस बार मोदी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाने और लोगों को उससे जोड़ने के लिए एक नयी योजना पेश की है। इसमें योग दिवस पर परिवार की तीन पीढि़यों की एक साथ योग करते हुए तस्वीरें आमंत्रित की गई हैं। तस्वीर माईगव पर भेजकर न्यू इंडिया चैंपियनशिप में भाग लेने का मौका दिया गया है। चैंपियनशिप का उद्देश्य नए भारत के निर्माण में नागरिकों को शामिल करना और नए भारत के निर्माण की दिशा में उनके विचार व सुझाव को प्रकट करने का मौका देना है। न्यू इंडिया चैंपियनशिप के तहत नागरिक कई गतिविधियों में भाग लेकर अंक अर्जित कर सकते हैं। पिछले वर्षो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे प्रतिभागियों से रूबरू होते रहे हैं।

नए भारत को लेकर अपने विचार और विश्वास के आधार पर नारा भी तैयार करके भेजा जा सकता है। इसके लिए माईगव की तीन साल की वेबसाइट थ्रीइयर्समाईगवडाटइन के न्यू इंडिया चैंपियनशिप सेक्शन में जाकर हैशटैग थ्री जेन योगा का इस्तेमाल करते हुए प्रविष्टियां भेजी जा सकती हैं। माईगव के सीईओ गौरव द्विवेदी ने कहा कि परिवार की तीन पीढि़यों के एक साथ योग करते हुए तस्वीरें साझा करने के जरिये न सिर्फ कार्यक्रम में जनभागीदारी सुनिश्चित होती है बल्कि इससे समाज के मूल मूल्यों को मजबूती भी मिलती है।

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