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पीएम मोदी ने बताया- भ्रष्‍टाचार कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने वाले तीन फैक्‍टर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर स्पेसस पर आयोजित सम्मेललन में भ्रष्टायचार को कम करने वाले तीन फैक्टर- जन धन बैंक खाता, आधार प्ले टफार्म और मोबाइल फोन का उल्‍लेख किया।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Thu, 23 Nov 2017 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 23 Nov 2017 12:23 PM (IST)
पीएम मोदी ने बताया- भ्रष्‍टाचार कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने वाले तीन फैक्‍टर
पीएम मोदी ने बताया- भ्रष्‍टाचार कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने वाले तीन फैक्‍टर

नई दिल्ली (एएनआई)। साइबर स्पेस पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर पीएम मोदी पिछले दो दशक के दौरान साइबर स्पेस में आए बदलावों का उल्‍लेख किया और भ्रष्‍टाचार कम कर पारदर्शिता बढ़ाने वाले तीन फैक्‍टर्स- जनधन-आधार-मोबाइल के नाम बताए। उन्‍होंने कहा, पहले फोन आया, फिर मोबाइल और अब सोशल मीडिया ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को काफी बढ़ावा दिया है। भारत में पहली बार आयोजित हो रहे इस सम्‍मेलन का विषय है 'सतत विकास के लिए सुरक्षित और समावेशी साइबर स्‍पेस' है। इस सम्मेलन में दुनिया भर के आईटी और साइबर एक्सपर्ट और आईटी क्षेत्र से जुड़े नीति निर्माता शामिल हो रहे हैं। इसमें दुनिया के 124 देशों के करीब दस हजार प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

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पीएम मोदी ने कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया, टेक्नोलॉजी हर बाधा को दूर करती है। इसने भारत के वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत को सही साबित किया है। डिजिटल टेक्नोलॉजी ने सर्विस डिलिवरी और गवर्नेंस के काम को आगे बढ़ाया है। भारत की आईटी प्रतिभाओं को दुनिया में काफी सम्मान की नजर से देखा जाता है।

प्रधानमंत्री ने आगे बताया, 2014 में युवाओं के लिए कई आइडिया थे, वे देश के लिए काम करना चाहते थे। सरकार ने सिटिजन इंगेजमेंट पोर्टल MyGoV लॉन्च किया। सरकार ने प्रगति लॉन्च किया। इसके चौंकाने वाले परिणाम आए। डिजिटल टेक्‍नोलॉजी पर जोर देते हुए पीएम ने कहा भारत के लोग अब कैशलेस इकोनॉमी को अपना रहे हैं। हम मोबाइल पावर (m-Power) के जरिए लोगों को आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, हम जानते हैं कि पिछले कुछ दशकों के दौरान साइबर स्‍पेस ने किस तरह दुनिया को परिवर्तित कर दिया है। पूरी दुनिया ने भारत के आइटी टैलेंट का लोहा मान लिया है। व्‍यापक तौर पर भारतीय आइटी कंपनियों ने अपनी जगह बनायी है। डाटा स्‍टोरेज व कम्‍युनिकेशन के महत्‍वपूर्ण पहिए के तौर पर मोबाइल फोन व सोशल मीडिया को लिया गया है। बुजुर्ग पीढ़ी 70 व 80 के दशक के कंप्‍यूटर सिस्‍टम के मोटे से फ्रेम को याद कर सकेंगे। तब से काफी बदलाव आया है। इमेल और पर्सनल कंप्‍यूटर के जरिए 90 के दशक में नई क्रांति आयी। पीएम ने आगे कहा कि देश को भी इस बात की जिम्‍मेवारी लेनी होगी कि डिजिटल स्‍पेस आतंक और कट्टरपंथ का प्‍लेग्राउंड न बन जाए।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य साइबर जगत में अत्याधुनिक पद्धतियों और सुरक्षा उपायों को समझना तथा आपसी सहयोग बढ़ाना है। उन्होंने बताया है कि सम्मेलन में मुख्य रूप से साइबर फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ, साइबर फॉर डिजिटल इन्क्लूजन, साइबर फॉर सिक्योरिटी और साइबर फॉर डिप्लोमेसी पर चर्चा की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर साइबर डिप्लोमेसी तेजी से उभर रहा है। इसलिए आने वाले सम्मेलन में साइबर सुरक्षा बड़ा मुद्दा होगा।

इससे पहले इसका आयोजन 2011 में लंदन में, 2012 में बुडापेस्ट में, 2013 में सियोल में और 2015 में हेग में किया गया था।

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